बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां चुनावी सभा को संबोधित करने में लगी हुई है. तेज गर्मी और लू के बीच भी पार्टियों की चुनावी सभा नहीं थम रही है. बिहार में तेज गर्मी के बीच नेता चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हैं. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम की तबीयत इस चुनावी गर्मी के बीच बिगड़ गई. शुक्रवार को चुनावी रैली के दौरान नेता प्रतिपक्ष की तबियत बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें समर्थकों ने संभाला और फिर गाड़ी पर बैठा कर रवाना किया.
अररिया में जनसभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव के कमर में दर्द हो गया, इसके बाद उन्हें मंच से सुरक्षाकर्मी और समर्थकों के द्वारा मंच से उतारकर ले जाया गया. अपनी तबीयत खराब होने के बाद तेजस्वी यादव ने खुद एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. अपने हेल्थ अपडेट में तेजस्वी यादव ने लिखा कि मेरा दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार लोगों की तकलीफ के आगे कुछ नहीं है, जो नौकरी- रोजगार की आस में बैठे हैं. जिनके सपनों को 10 सालों से धर्म की आड़ में कुचला गाया है.
दो हफ़्तों से था दर्द
तेजस्वी यादव ने लिखा कि चुनावी यात्रा के दौरान बीते दो हफ़्तों से दर्द था जो दो दिन में अचानक बढ़ गया. लेकिन मैंने तय किया है कि भले ही बाधा कितनी हो, भले ही दर्द कितना हो रुकना नहीं है, झुकना नहीं है और थकना नहीं है. लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते जाना है, बढ़ते जाना है, जीतते जाना है और जीताते जाना है. लक्ष्य प्राप्ति किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं है.
मैं अपने दर्द को भूल जाता हूं जब देखता हूं कैसे गरीब माताओं-बहनों को महंगाई के कारण रसोई चलाने में भारी पीड़ा का अनुभव होता है. किसान भाइयों को सिंचाई के साधन व फसल का उचित दाम नहीं मिलने तथा संसाधनों के अभाव एवं रोजी-रोटी के लिए लाखों साथियों के पलायन का कष्ट देखता हूं तो मुझे मेरा दर्द महसूस भी नहीं होता.
हर वर्ग को पीड़ा है क्यूंकि.....
छात्र को पीड़ा हैं क्यूंकि उन्हें अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही. बिहार के मेरे बुज़र्गों की पीड़ा है कि उन्हें अच्छी दवाई नहीं मिल पा रही, थाना और ब्लॉक के भ्रष्टाचार से आमजन परेशान है. हर वर्ग को पीड़ा है क्यूंकि उनके अधिकार, उनका न्याय उन्हें नहीं मिल पा रहा है. मैं इन सबों की तकलीफ़ में अपने आप को सांझीदार मानता हूं.
बिहार में NDA सरकार से जनता त्रस्त है. ऐसे में यदि मैंने अपनीं पीड़ा की चिंता की और ये कदम रुक गए तो फिर लोगों की उम्मीदें भी बुझ जाएगीं तथा महंगाई, तानाशाही, अत्याचार और अन्याय की आग में बिहार झुलसता रहेगा.
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी की कमान अपने हाथों में ली हुई है. पिछले एक महीने से वह ताबड़तोड़ रैलियों में व्यस्त है, एक दिन में वह 5-6 रैलियों को संबोधित कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने खुद ही एक चुनावी सभा में कहा था कि 30 दिनों में उन्होंने 97 रैलियों को संबोधित किया है. अपने हेलीकॉप्टर को ट्रैक्टर बना दिया है, उससे ब्लॉक-ब्लॉक उतारते रहते हैं.