बिहार में पिछड़ी जातियों के लिए 65 फीसदी आरक्षण की मांग तेजस्वी यादव लगातार उठा रहे हैं. बिहार राजद की ओर से 65 फीसदी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. राजद ने अपनी याचिका में पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. राजद के पहले बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें राज्य सरकार की ओर से भी 65 फीसदी आरक्षण को लागू करने की मांग की गई.
राजद ने याचिका में पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण को बढ़ाने की मांग की है. राजद ने मांग रखी कि आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी किया जाए.
बीते दिन राजद की ओर से बिहार में इसे लेकर एक दिवसीय धरना भी आयोजित किया गया था. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि तमिलनाडु की तर्ज पर बिहार में भी आरक्षण की व्यवस्था लागू हो और इसे नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.
बता दें कि बिहार सरकार को बड़ा झटका देते हुए पटना हाईकोर्ट ने पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण को 50 से 65 फीसदी तक बढ़ाने के फैसले को रद्द कर दिया था. 20 जून को पटना हाईकोर्ट ने आरक्षण को रद्द किया था. बिहार विधानसभा से पारित संशोधन को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत समानता खंड का उल्लंघन है.
बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण की रिपोर्ट के बाद सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित वर्ग के लिए आरक्षण कोटा को बढ़ा दिया था.