सारण इस लोकसभा चुनाव में एक हॉट सीट की तरह बना हुआ है. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य पहली बार चुनाव लड़ने उतरी है. रोहिणी आचार्य ने इस चुनाव में सारण सीट को चुना है, जहां से उनके सामने भाजपा के दिग्गज नेता राजीव प्रताप रूडी खड़े है. रोहिणी आचार्य के सामने रूडी के अलावा एक मुश्किल खड़ी हो गई है. उनके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में रिट शिकायत की गई है. याचिकाकर्ता निपेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने रोहिणी आचार्य के नामांकन को रद्द करने की मांग की है.
रोहिणी आचार्य चुनाव के लिए अयोग्य
याचिकाकर्ता ने रोहिणी आचार्य के नामांकन को अवैध बताया है. उन्होंने बताया कि रोहिणी आचार्य ने अपने नामांकन में संपत्ति घर का पता, नागरिकता समेत कई चीजों का उल्लेख नहीं किया है. इसके साथ ही उनके पासपोर्ट की जांच भी नहीं की गई है. वह 7 साल से अधिक समय से सिंगापुर में रही और उन्हें वहां की नागरिकता हासिल है, या नहीं? इसकी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही भारत के नागरिकता पर भी सवाल उठाया गया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि हमारे देश के संविधान के अनुच्छेद 84 और 102 के तहत लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए रोहिणी आचार्य अयोग्य हैं. इसलिए इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.
निपेंद्र कुमार ने यह भी आरोप लगाया है कि सहारनपुर से राजद प्रत्याशी ने अपने नामांकन पत्र में दाखिल शपथ पत्र में कई गलत तथ्यों को लिखा है. उन्होंने अपने घर का पता सारण या पटना नहीं दिया है. संपत्ति का विवरण, इनकम टैक्स का विवरण, बैंक खताओं में जमा रकम की जानकारी भी गलत दी गई है. रोहिणी आचार्य ने अपना नामांकन और शपथ पत्र में सिंगापुर के घर, आए का विवरण और निवास स्थान की जानकारी को छिपाया है.
रोहिणी आचार्य की प्रतिक्रिया
अपने खिलाफ लग रहे इन आरोपों पर जवाब देते हुए रोहिणी आचार्य ने पहली प्रतिक्रिया फेसबुक के जरिए दी है. उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा है पराजय की प्रबल संभावना से परेशान विरोधी प्रतिद्वंदी प्रत्याशी अपनी गोदी मीडिया की मदद से मेरे नामांकन के संदर्भ में एक बार फिर से फैला रहे हैं भ्रामक प्रचार.
उन्होंने आगे लिखा कि जब सारण खड़ा है मजबूती से, अपनी इस बेटी बहन के साथ, तो सफल नहीं होने वाला है कोई भी झूठा भ्रामक प्रचार. आप सबों से अनुरोध है कि अफवाह को करें नजरअंदाज और झूठ के कारोबारी को हर हाल में करें परास्त.