झारखंड में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बवाल, चुनाव आयोग कराएगा जांच

कांग्रेस ने झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए निर्धारित साइलेंट पीरियड के बीच घोषणा पत्र जारी किया, जिस पर अब चुनाव आयोग जांच करेगा.

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कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बवाल

कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बवाल

झारखंड में 43 सीटों के लिए आज सुबह से मतदान जारी है. चुनाव के ठीक 1 दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने अपना मेनिफेस्टो जारी किया, जिसे पार्टी ने ‘भरोसे का घोषणा पत्र’ नाम दिया है. इसमें कांग्रेस ने झारखंड के उपभोक्ताओं के लिए 250 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया है. इसके साथ ही राज्य में जातिगत जनगणना करने की भी बात की है. कांग्रेस के मेनिफेस्टो की सूची लंबी है, मगर घोषणा पत्र जारी होने के बाद ही चुनाव आयोग ने जांच का आदेश जारी कर दिया हैं.

दरअसल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए निर्धारित साइलेंट पीरियड (मतदान खत्म होने के समय के 48 घंटे के भीतर) के बीच घोषणा पत्र जारी किया, जिस पर अब चुनाव आयोग जांच करेगा. दरअसल साइलेंट पीरियड में किसी भी पार्टी को घोषणा पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है. 

राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने बताया कि ना तो पार्टी कार्यालय और ना ही किसी अन्य जगहों पर साइलेंट पीरियड में घोषणा पत्र जारी किया जा सकता है. कांग्रेस ने मंगलवार को घोषणा पत्र जारी किया जिसकी शिकायत मिली है. चुनाव आयोग इसकी जांच कर रहा है और आयोग के दिशा-निर्देश के आधार पर मामले की जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी.

बता दें कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में धान खरीद मूल्य 2400 रुपए क्विंटल से बढ़ाकर 3200 रुपए करने की घोषणा की है. इसके साथ ही सरना धर्म कोड, सरकारी नौकरियों की रिक्तियों को भरने, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग की स्थापना करने जैसे कई वादे पत्र में शामिल किया है.

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