बिहार के एकमात्र विधानसभा सीट रुपौली में उपचुनाव के नतीजे जारी हो गए हैं. रूपौली विधानसभा चुनाव में ना तो जदयू और ना ही राजद उम्मीदवार को जीत मिली है, बल्कि इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत का स्वाद चखा है.
रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने करीब 8 हजार वोटों से जदयू उम्मीदवार को हरा दिया है. शंकर सिंह को उपचुनाव में 67,779 वोट मिले, जबकि जदयू के कलाधर मंडल को 59,586 वोट मिले, रुपौली से पांच बार की विधायक रही बीमा भारती पहले राउंड से ही तीसरे नंबर पर रही. रुपौली की जनता ने उन्हें 30,108 वोट दिए.
इसके पहले भी बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव में करारी हार झेली थी. बीमा भारती के इस्तीफे के कारण ही रूपौली विधानसभा सीट खाली हुई थी, जहां उपचुनाव कराए जा रहे थे. 10 जुलाई को यहां वोटिंग हुई थी, जिसमें 54.25 प्रतिशत मतदान हुए थे. पहले से ही सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा था, लेकिन जदयू बनाम राजद की यहां लड़ाई मानी जा रही थी. ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार का यहां जीत हासिल करना दोनों ही पार्टियों के लिए झटके जैसा है.
6 राउंड तक जदयू बनाम निर्दलीय उम्मीदवार की टक्कर चल रही थी, लेकिन इसके बाद शंकर सिंह ने बढ़त बनाई और 12वें राउंड की गिनती में जीत पक्की की.
रूपौली उपचुनाव के पहले सांसद पप्पू यादव ने यहां की जनता से बीमा भारती को समर्थन देने के लिए कहा था. उन्होंने खुद भी ऐलान किया था कि वह बीमा भारती को समर्थन दे रहे हैं. साथ ही यह भी कहा था कि अगर किसी कारण से मेरी प्रत्याशी से भूल हुई है, तो मैं हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं. आप सभी रुपौली की बेटी बीमा भारती के पक्ष में वोट डालें. लेकिन पप्पू यादव की यह अपील रूपौली की जनता ने खारिज कर दी.
रूपौली सीट से जीते शंकर सिंह पहले लोजपा नेता रह चुके हैं. 2005 में उन्होंने लोजपा की टिकट पर रुपौली में जीत भी दर्ज की थी और विधायक रहे थे. लेकिन वह इस दौरान कुछ ही दिनों तक विधायक की कुर्सी पर रहे. इसके बाद तीन चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहे. इस बार उपचुनाव में जब यह सीट जदयू के खाते में चली गई तब शंकर सिंह ने लोजपा(रामविलास) से इस्तीफा दिया और निर्दलीय यहां से जीत हासिल की.