बिहार में कुपोषण को खत्म करने के मामले में समस्तीपुर टॉप पर है. वहीं कुपोषण अभियान गतिविधि में अररिया जिले ने दूसरा स्थान हासिल किया है. लिस्ट में भागलपुर 5वें और किशनगंज 6वें स्थान पर है. जबकि लिस्ट में सबसे आखिर में शेखपुरा जिला 38वें स्थान पर है. जिला वार रैंक विभाग की ओर से जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी सामने आई कि राज्य के जिलों से कुपोषण खत्म करने में समस्तीपुर में बाजी मारी है.
कुपोषण मुक्त अभियान 1 सितंबर से शुरू हुआ है, 17 सितंबर तक की लिस्ट में पटना का स्थान 10वां है, सुपौल 11वें, खगड़िया 12वें, कटिहार 14वें स्थान पर है. इसी तरह मुंगेर 16वें स्थान पर है.
बिहार में कुपोषण खत्म करने और राज्य के बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए यह पहला चलाई जा रही है. इसके तहत खास कर रानीगंज के चरवाहा रेखा टोला में कुपोषण से बीमार होने वाले बच्चों और लगातार मरने की आशंका के बीच इस अभियान को मिल के पत्थर की तरह देखा जा रहा है. पिछड़े जिलों में शुमार अररिया में काफी ग़रीबी है, जिस कारण बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषित हो रहे हैं. ऐसे में लिस्ट में अररिया का नाम दूसरे स्थान पर आना एक उम्मीद की अलख जगा रहा है.
राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत सुबे में 8 बिंदुओं पर कुपोषण अभियान चलाया जा रहा है, जो 30 सितंबर तक चलेगा. इस अभियान में एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पोषण भी पढ़ाई भी, सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि, जागरूकता इत्यादि शामिल है.