झारखंड सामान्य स्नातक योग्यता धारी संयुक्त परीक्षा 2023 के पेपर लीक मामले में एसआईटी ने अपने कार्यवाही शुरू कर दी है. एसआईटी की इस कार्रवाई में सबसे पहले पटना, चेन्नई और रांची में टीम ने छापेमारी की है. इस छापेमारी में कुल 11 लोगों को पेपर लीक मामले में हिरासत में ले पूछताछ की जा रही है.
गिरफ्तार 11 लोगों में से पांच लोगों पर पेपर को वायरल करने का आरोप है. जिन 11 लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से कोई भी जेएसएससी का कर्मचारी नहीं है. एसआईटी की कार्यवाही में चेन्नई से पकड़े गए दो युवक बिहार के बताए जा रहे हैं.
मालूम हो की 28 जनवरी को राज्य भर के जिलों में जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा आयोजित कराई गई थी. पहली परीक्षा के दिन ही प्रश्न पत्र को व्हाट्सएप पर वायरल किया गया था. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही जेएसएससी ने पेपर 3 की परीक्षा को रद्द कर दिया था. इसके बाद 4 फरवरी को भी होने वाली इसी परीक्षा को आयोग ने रद्द किया था. झारखंड में मामला उठने के बाद जांच के लिए एसआईटी का गठन कराया गया, जो फिलहाल मामले की जांच कर रही है. वहीं भाजपा की ओर से सीबीआई जांच की मांग की जा रही है.
भाजपा का आरोप है कि इस पेपर लीक मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी जुड़े हुए हैं. हेमंत सोरेन और उनके करीबी विनोद सिंह के बीच में हुए चैट के आधार पर भाजपा यह दावा कर रही है. दोनों के बीच में जेएसएससी एडमिट कार्ड को लेकर बातचीत हुई थी.
जेएसएससी पेपर लीक के मामले में आयोग की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी ,उप सचिव संजय कुमार शाह, सचिव हरेंद्र किशोर राम और प्रधान आप्त सचिव संतोष कुमार ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एसआईटी के पुलिस अफसर पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. जेएसएससी की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी ने ही नामकुम थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी के अनुसार 28 जनवरी को तीसरी पाली में सामान्य ज्ञान की परीक्षा थी, इसी दिन दोपहर में ई-मेल के जरिए सामान्य ज्ञान परीक्षा के आंसर को वायरल किया गया था. मिलान करने पर क्वेश्चन और आंसर लीक होने पर पुष्टि हुई थी.