बिहार के आधे से ज्यादा जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. मंगलवार को बाढ़ ग्रसित इलाकों में पांच और बांध टूट गए हैं, जिस कारण नए इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बाढ़ की समस्याओं से जूझने के लिए केंद्र सरकार ने बिहार को करोड़ों रुपए जारी किए हैं. केंद्र की ओर से राहत और बचाव कार्य के लिए 655 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह राशि एसडीआरएफ को दी है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम राज्य के बाढ़ ग्रसित इलाकों का दौरा करने भी आएगी. यह टीम राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेगी.
उत्तर बिहार में अब तक छोटी-बड़ी नदियों को मिलाकर 18 जगहों पर तटबंध या रिंग बांध ध्वस्त हो गए हैं. बाढ़ के कारण 16 जिले की 11.84 लाख आबादी प्रभावित हुई है. 76 प्रखंडों की 368 ग्राम पंचायत के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सीएम नीतीश कुमार के आदेश के बाद आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई है. एसडीआरएफ की 16 और एसडीआरएफ की 14 टीम बचाव राहत कार्य में जुटी हुई है. मालूम हो कि बिहार में बाढ़ की स्थिति के बीच वायू सेना ने कमान संभाली है. वायु सेवा बाढ़ ग्रसित इलाकों में राहत कार्य कर रही है.
बिहार में गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा गंगा और कई नदियों में बाढ़ का पानी भर गया है. इससे बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा और कटिहार जिलों में बाढ़ आ गई है.