लोकसभा चुनाव 2024 में राजद नेता तेजस्वी यादव जहां-जहां प्रचार करने गए उनके साथ एक और चेहरा साए की तरह नजर आया. हेलीकॉप्टर हो या जनसभा, रैली हो या रोड शो हर जगह वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी तेजस्वी यादव के साथ नजर आए. सन ऑफ़ मलाह के नाम से मशहूर मुकेश सहनी को तेजस्वी यादव ने इस चुनाव में तीन सीट अपने खाते से दी थी, इन तीनों सीट से वीआईपी औंधे मुंह गिर गई है. एक बार फिर से मुकेश सहनी के हाथ में कुछ नहीं लगा है. बिहार में लोकसभा की 40 सीट में से मुकेश सहनी ने तीन पर अपने प्रत्याशियों को उतारा था. राजद कोटे से मिली तीन सीट पूर्वी चंपारण(मोतिहारी), गोपालगंज और झंझारपुर से मुकेश सहनी ने उम्मीदवार उतारे थे. मोतिहारी से राजेश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया गया था, झंझारपुर में सुमन कुमार महासेठ और गोपालगंज में प्रेमनाथ चंचल को विआईपी ने मैदान में उतारा था. लेकिन इन तीनों ही कैंडिडेट को चुनाव में भारी शिक्कस्त मिली है. वीआईपी का इस लोकसभा चुनाव में भी किसी सीट से खाता नहीं खुल पाया है.
मोतिहारी सीट पर वीआईपी उम्मीदवार राजेश कुशवाहा हारे
खुद को मल्लाह कहने वाले मुकेश सहनी ने इस चुनाव में एक भी निषाद जाति के उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था, जिस पर विपक्ष ने काफी सवाल भी खड़े किए थे. चुनाव परिणाम आने के बाद यह साफ़ हो गया कि राजद, कांग्रेस और वाम दलों के सहयोग के बाद भी वीआईपी बिहार में खुद को साबित नहीं कर पाई.
गोपालगंज सीट से वीआईपी उम्मीदवार प्रेमनाथ चंचल को सवा लाख मतों से हार का सामना करना पड़ा है. यहां से जदयू उम्मीदवार आलोक कुमार सुमन जीत गए है. झंझारपुर में जदयू प्रत्याशी रामप्रीत मंडल ने सुमन कुमार महासेठ को लगभग सवा लाख से अधिक मतों से हरा दिया. मोतिहारी सीट पर वीआईपी प्रत्याशी राजेश कुशवाहा हार गए हैं.
गौरतलब है कि बिहार में चुनाव प्रचार की शुरुआत होने के साथ ही मुकेश सहनी तेजस्वी यादव के साथ चुनाव अभियान में हिस्सा लेते हुए नजर आए थे. राजद का तो इस चुनाव में खाता खुल गया, लेकिन तेजस्वी यादव का जादू मुकेश सहनी की सीटों पर नहीं चला सका.