बिहार में आज से विशेष भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मंगलवार से राज्य के विभिन्न गांवों-कस्बों, हर घर दुकान, प्लॉट और खेत समेत सभी तरह के जमीनों का सर्वेक्षण होगा. सरकार द्वारा राज्य के सभी जिलों के अंतर्गत सभी ब्लॉक में सर्व को कराया जा रहा है, ताकि भूमि से जुड़ी सभी जानकारी सरकार इकट्ठा कर सके. जमीन सर्वेक्षण के लिए कई दस्तावेजों की भी जरूरत पड़ेगी, जिसमें शपथ पत्र, जमीन से जुड़े जमाबंदी की रसीद, जमीन की रजिस्ट्री, जमीन के खरीद-बिक्री से जुड़े दस्तावेज, खतियान की नक़ल, जमीन का नक्शा, आवेदनकर्ता का वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि शामिल है.
जमीन सर्वेक्षण की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से की जा सकती है. ऑफलाइन आवेदन लेने के लिए गांव में शिविर लगाए जाएंगे. इस सर्वेक्षण से जमीन से जुड़े विवादों में कमी आएगी और उसका आसानी से निपटारा किया जा सकेगा. सर्वेक्षण के बाद यह साफ होगा कि जमीन का असली मलिकाना हक़ किसके पास है, किस जमीन का घरेलू, व्यावसायिक और कृषि के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
राज्य के 445 अंचलों के जमीन के रिकॉर्ड को इकट्ठा करने के लिए नवंबर 2025 तक का लक्ष्य रखा है. इसके पहले राज्य 20 जिलों के 89 अंचलों में सर्वेक्षण हुआ था, जो लगभग पूरा हो चुका है. बचे हुए 445 अंचलों में अमीन, कानूनगो एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी की कमी के कारण सर्वेक्षण रुक गया था. 10,000 संविदा कर्मियों के बहाली के बाद भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई है.