बिहार में जिस नदी को शोक के नाम से जानते हैं उस पर बनने वाले निर्माणाधीन पुल ने बिहार को शोकग्रस्त कर दिया है. 22 मार्च 2024 को बिहार में जहां एक और प्रदेश के निर्माण दिवस की खुशियां मनाई जा रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर सुपौल में कोसी नदी के ऊपर बन रहे पुल दुर्घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है.
शनिवार की सुबह कोसी नदी पर बन रहे बकौर पुल का एक बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया, जिससे मौके पर काम कर रहे एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि 9 लोग इस दुर्घटना में जख्मी बताए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि बकौर पुल के हिस्से के टूटने से 40 से ज्यादा लोग हादसे का शिकार हुए हैं. घायलों में सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के लोग शामिल है, जिन्हें स्थानीय और पुलिस प्रशासन की मदद से गाड़ियों से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.
खबरों के मुताबिक पुल के पिलर संख्या 151, 152 और 153 का गार्टर टूट गया, जिससे पुल का हिस्सा मौके पर काम कर रहे मजदूरों पर गिर गया. हादसे के बाद मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहुंचकर राहत कार्य में जुटी हुई है.
पुल बनाने का काम ट्रांस रेल एंड गैमन इंडिया कंपनी के पास
सुपौल डीएम कौशल कुमार ने बताया कि हादसे की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि 9 लोग घायल है. पुल के अंदर दबे सभी लोगों को बाहर निकाल दिया गया है. यह हादसा सुबह 7:00 हुआ. वही पुल बनाने वाले कंपनी के लोग मौके पर से फरार हो गए हैं.
बता दें कि पुल बनाने का काम ट्रांस रेल और गैमन इंडिया कंपनी के पास है.
इस पूरी दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. स्थानीय लोग निर्माण कंपनी पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है. लोगों का कहना है कि शिकायत करने पर धमकी दी जाती है कि किसी केस में फंसा दिया जाएगा.
कोसी नदी पर बन रहे इस पुल को देश का सबसे बड़ा सड़क पुल बताया जा रहा है, जिसे 1200 करोड़ रुपए की लागत से सरकार बनवा रही है. पुल को भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जा रहा है. पुल की लंबाई 10.5 किलोमीटर है, अप्रोच रोड को मिलाकर पुल की कुल लंबाई 13 किलोमीटर हो जाती है. पुल को बनाने की डेडलाइन 2023 थी, लेकिन कोरोना और बाढ़ की वजह से काम पूरा नहीं हो सका
बिहार में पुल गिरने की यह कोई पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी कई पुल हादसे बिहार में हो चुके हैं. बीते साल 4 जून 2023 को सुल्तानगंज में अगवानी घाट पर बन रहे पुल गिरने की घटना हुई थी. गंगा नदी पर 14 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण कार्य कराया जा रहा था. उसके पहले मार्च में ही सारण में पुल गिरने की घटना हुई थी. 19 फरवरी को भी पटना के बिहिटा में निर्माण के दौरान पुल गिर गया था. 6 जनवरी को भी दरभंगा में निर्माण के दौरान पुल गिर गया था. यह सभी घटनाएं साल 2023 की है. इतनी घटनाओं के बावजूद सरकार और निर्माण कंपनी सबक नहीं ले रही है, जिसकी वजह से कई मजदूर वर्ग के लोग घटना के शिकार हो रहे हैं.