नीट पेपर लीक मामले पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. मंगलवार की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि फिलहाल हम दागी छात्रों को बेदागी छात्रों से अलग कर सकते हैं. अगर जांच में दागियों की पहचान होती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अगर कोई छात्र इस फ्रॉड में शामिल पाया जाता है तो उसे एडमिशन नहीं दिया जाएगा.
हालांकि शीर्ष अदालत में इस मामले में अपना आखिरी फैसला सुरक्षित रखा है, जिसे आने वाले दिनों में जारी किया जाएगा.
नीट यूजी पेपर लीक मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना रीएग्जाम का फैसला नहीं सुना सकते हैं. आने वाले दिनों में सीबीआई के जांच के बाद पूरी तस्वीर बदल सकती है. लेकिन फिलहाल यह भी नहीं कहा जा सकता कि पेपर लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग तक ही सीमित है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि नीट पेपर लीक पूरे देश में फैल गया या यह बड़े पैमाने पर हुआ, इसके कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. अगर कुछ सेंटर पर ज्यादा मार्क्स आए हैं तो उन्हें पेपर लीक से कैसे जोड़ा जाए? पूरे देश में दोबारा परीक्षा करने से करीब 24 लाख छात्रों पर इसका असर पड़ेगा.
आज मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ती जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले पर सुनवाई की. 8 जुलाई से नीट यूजी पेपर लीक मामले पर सुनवाई हो रही है, जिसमें 40 से अधिक याचिकाओं पर कोर्ट सुनवाई कर रही है.