शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजद की याचिका पर नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र और राज्य सरकार दोनों से राजद की याचिका पर जवाब मांगा गया है. दरअसल राजद ने पटना हाईकोर्ट के आरक्षण के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी. पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से शिक्षण संस्थाओं और सार्वजनिक नौकरियों में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 फ़ीसदी करने के फैसले को खारिज किया था.
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राजद ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. राजद के अलावा बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूर्ण, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने राजद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन की दलील पर संज्ञान लिया. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जरी करते हुए लंबित याचिकाओं के साथ राजद की याचिका को भी जोड़ दिया है.
इसके पहले जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण मामले से जुड़ी एक सुनवाई में पटना हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने से मना किया था और मामले पर सितंबर में सुनवाई तय की गई थी.
बता दें कि जातीय गणना का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. लेकिन विपक्ष इसे पूरी तरह भुनाने की कोशिश कर रहा है. बिहार में राजद इस मुद्दे को लगातार उठा रहा है. आरक्षण को लेकर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद ने बीते दिनों पूरे प्रदेश में धरना भी दिया था.