सुप्रीम कोर्ट ने खनिजों पर लगने वाले रॉयल्टी को टैक्स करने से इनकार कर दिया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि खनिजों पर लगने वाले रॉयल्टी टैक्स नहीं है. 9 जजों की बेंच ने 8-1 के बहुमत से फैसला सुनाया कि राज्यों को खनिज पर टैक्स लगाने का अधिकार है.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने मामले पर कहा कि न्यायमूर्ति बी वी नाग्रताना ने इस पर असहमतिपूर्ण फैसला दिया है कि खनिजों पर दी जाने वाली रॉयल्टी टैक्स है या नहीं.
विभिन्न राज्य सरकारों, खनन कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की 86 यचिकाओं के समूह पर मार्च में सुनवाई हुई थी. 8 दिन तक सुनवाई के बाद 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की नौ न्यायाधीशों के संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि संसद के पास संविधान के प्रावधानों के तहत खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने की शक्ति नहीं है. संविधान के तहत राज्यों के पास खदान और खनिज युक्त भूमि पर टैक्स लगाने का अधिकार है. ऐसे में राज्यों के अधिकार को दबाया नहीं जा सकता है.
नौ जजों के बेंच में जस्टिस ऋषिकेश राय, जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस बी वी नगरत्ना, जस्टिस जे बी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस उज्जवल भूईयां, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज शामिल हैं.