भाजपा का जादू इस बार लोकसभा चुनाव में अकेले नहीं चल पाया. इस लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 293 सीटें जीती, जिसमें भाजपा के हाथ 240 सीट लगी, जबकि बहुमत के लिए 272 सीट की जरुरत होती है. ऐसे में देश में एनडीए की सरकार बनी है, ना कि भाजपा की, यह चर्चा तो अब लगभग आम हो गई है. लेकिन एक चर्चा इसी बीच उठने लगी है कि एनडीए के सहयोगी दल कैबिनेट में किस पद की मांग रखेंगे. दरअसल चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जदयू ने भाजपा से केंद्र में प्रमुख मंत्रालय की मांग रख दी है.
खबरों के मुताबिक टीडीपी ने भाजपा के आगे 6 बड़े मंत्रालय की मांग रखी है. इसके साथ ही पार्टी लोकसभा स्पीकर का पद भी मांग रही है. इधर नीतीश कुमार ने भी 3 मंत्रालय की मांग रखी है. बिहार सीएम ने मंत्रालय के अलावा प्रमुख मांगों को भी भाजपा के सामने रखा है. जिसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना, 12 सांसदों के हिसाब से तीन मंत्रालय, जिसमें रेल, कृषि और वित्त मंत्रालय मांगने की सुगबुगाट सुनाई दे रही है. टीडीपी ने ग्रामीण विकास, आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क-परिवहन और राजमार्ग और जल शक्ति मंत्रालय की मांग रखी है.
इंडिया गठबंधन चंद्रबाबू और नीतीश को लुभाने की कोशिश
इधर इंडिया गठबंधन चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को लुभाने की कोशिश में लगा हुआ है. शरद पवार लगातार फोन के जरिए नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में शामिल कराने के लिए कोशिश कर रहे हैं. दरअसल बिहार सीएम ने राज्य में 16 और भाजपा ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से जदयू और भाजपा के खाते में बराबर 12-12 सीटें गई है. आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू ने भी 16 सीटों पर जीत दर्ज की है.
सरकार बनाने के लिए जितनी जरूरत एनडीए को इन दोनों पार्टियों की है उतनी ही इंडिया गठबंधन को भी है. भाजपा इस बात को बखूबी समझती है कि अगर दोनों में से कोई भी दल नाराज हो गया, तो वह सरकार नहीं बना पाएगी. ऐसे में मोदी 3.0 सरकार किस पार्टी को कितना मंत्रालय देती है, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा.