बिहार में पुल गिरने की दास्तान बीते दो हफ्ते से हर तरफ गूंज रही है. राज्य में जहां 10 दिनों के अंदर 6 पुल गिरने की घटना हुई थी, वहां एक दिन में पांच पुलों के गिरने की घटना भी हुई. इसके बाद बिहार सरकार इस मामले में चौतरफ़ा घिर गई है. शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले पर बिहार सरकार को घेरा. उन्होंने शुक्रवार को नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग की जिम्मेदारी जदयू ने संभाली है. डबल इंजन की सरकार पर आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक इंजन भ्रष्टाचार को बढ़ा रहा है और दूसरा अपराध को.
राजद नेता ने आगे कहा कि जब से नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं तब से अब तक ग्रामीण कार्य विभाग केवल 18 महीने के लिए छोड़ दिया जाए तो सारा वक्त जदयू के पास ही रहा है. एक दर्जन से ज्यादा पुल बिहार में अब तक गिरे हैं. हम तो केवल 18 महीने विभाग में रहे, तब विभाग में पैसा ही नहीं था. अब तक तो हमलोगों ने जिन पुल का सेंकशन किया था वह या तो अभी टेंडर प्रक्रिया में होगा या बनना शुरू हुआ होगा. लेकिन इस 18 महीने को छोड़ दे तो 17-18 साल तक जदयू ने इस पर विभाग की जिम्मेदारी संभाली है, जिसकी पुलें गिर रही है.
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि एक तरफ पुल गिर रहा है, नीट का पेपर लीक हो रहा है, अन्य बहाली के पेपर भी लीक हो रहे हैं, अपराध बढ़ रहा है, भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. लेकिन डबल इंजन की सरकार इस पर कुछ नहीं बोल रही है, कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है. यह डबल इंजन सरकार का गजब खेल है, एक इंजन भ्रष्टाचार में लगा है, तो दूसरा इंजन अपराध में. जिन लोगों ने बेरोजगारी बढाई, जिन लोगों ने गरीबी बढाई, जिन लोगों ने महंगाई बढ़ाई, जिन लोगों के कार्यकाल में पुल गिरा आने वाले समय में जनता इनको सत्ता में लौटने नहीं देगी.
इधर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी राज्य में पुल गिरने पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि कई पुल ऐसे हैं जो पहले से बने हुए थे, लेकिन इसके बाद भी पुल क्यों गिरा है, इसकी जांच होनी चाहिए. इस मामले में राज्य के सीएम नीतीश कुमार बहुत संवेदनशील है. उन्होंने कल ही बैठक की है और निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी हो तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए.