बिहार में आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की परीक्षा रद्द कर दी गई है. पेपर लीक की शंका के बीच इस परीक्षा को रद्द किया गया, जिसके बाद पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर हमलावर हो गए हैं. पेपर लीक मामले पर तेजस्वी यादव ने भाजपा-जदयू को माफियाओं के साथ मिले होने का आरोप लगाया है.
तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए पेपर लीक को सत्ता संरक्षित बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि गड़बड़ी सामने आ गई तो मजबूरी में सरकार परीक्षा को रद्द कर देती है. अन्यथा परीक्षा को साफ सुथरा करार दे परीक्षा माफिया से हुई कमाई का बंदरबांट कर लिया जाता है. इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम ने नीतीश कुमार के गृह जिले से परीक्षा माफियाओं के तार को जोड़ते हुए भी सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा कि यह संयोग नहीं हो सकता कि सभी परीक्षाओं एवं पेपर लीक के तार हमेशा एक विशेष जिले से ही जुड़े रहते हैं. क्या आपने कभी मुख्यमंत्री को किसी भी पेपर लीक पर बोलते सुना है. परीक्षा माफिया के सदस्य हर बार सरकार के करीबी ही निकलते हैं.
सत्ता संरक्षित पेपर लीक माफिया ने फिर बिहार में लीक का बड़ा कारनामा किया है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 2, 2024
कल सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) की हुई ऑनलाइन परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसे रद्द करना पड़ा। बिहार में कोई भी ऐसी परीक्षा नहीं हो रही जिसमें BJP-JDU की घालमेल वाली सत्ता प्रायोजित… pic.twitter.com/5ydUV10L9u
दरअसल, बिहार में परीक्षा माफियाओं पर नकेल कसने के लिए कड़ा कानून भी लागू किया गया. लेकिन बावजूद इसके राज्य में बेखौफ होकर धड़ल्ले से पेपर लीक किया जा रहा है. हाल में ही कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं पेपर लीक होने के कारण रद्द करनी पड़ी थी. जिसमें बीपीएससी, एसटीईटी और अब सीएचओ की परीक्षा को रद्द किया गया.
सीएचओ की परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हुई थी, जिसमें गड़बड़ी होने की खबर के बाद जांच का आदेश दिया गया था. ईओयू के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें अभ्यर्थी, परीक्षा केंद्र के मालिक, कर्मचारी और आईटी प्रबंधक भी शामिल है. गिरफ्तार लोगों के पास इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, डिजिटल उपकरण, लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम और क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ कई आधार कार्ड मिले हैं.