तेजस्वी यादव का CAA पर स्टैंड तय, चुनाव से पहले भाजपा कर रही हिंदू-मुसलमान

डिप्टी सीएम ने कहा कि पहले से ही राजद पार्टी ने इस कानून पर अपना स्टैंड साफ़ रखा था. पार्टी ने पहले भी इसका विरोध किया था अब चुनाव सर पर है तो हिंदू मुस्लिम, CAA- NRC जैसे मुद्दे सामने आ रहे हैं.

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CAA पर बोले तेजस्वी यादव

CAA पर बोले तेजस्वी यादव

इस साल आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार और राज्य सरकार सभी अपने-अपने स्तर पर चुनावी ताकत झोंक रहे है. केंद्र सरकार ने बीते 2019 के चुनाव के दबे मुद्दे को इस चुनाव में हवा देने की ठानी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण राजनीतिक मुक्त बनकर उभरा "नागरिक संशोधन कानून"(CAA) 2024 में फिर से चर्चा का विषय बन रहा है.

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कहा जा रहा है कि CAA कानून को इसी महीने लागू करने की तैयारी पूरी हो गई है. बीते दिन पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया था कि CAA देश का कानून है और इसे लागू करने से रोका नहीं जा सकता है. 

केंद्र की तरफ से प्रस्तावित CAA कानून का भरपूर विरोध देश भर में हुआ था. बिहार की भी राजनीतिक पार्टियों ने CAA कानून पर अपने विचारों को खुलकर  सामने रखा था.

पहले कानून को लागू होने दे

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बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आज इस कानून पर अपना पक्ष स्पष्ट किया है. मीडिया ने आज उनसे CAA लागू होने जा रहा है इस पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने सीधे तौर पर CAA कानून को मानने से मना कर दिया.

तेजस्वी यादव ने कहा कि जब तक CAA बिल पेश नहीं होता तब तक इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. पहले कानून को लागू हो जाने दे, उसके बाद इस पर टीका टिप्पणी की जा सकती है. पहले से हवा भरकर गुब्बारे की तरह उड़ाने से कोई फायदा नहीं.

राजद पार्टी का स्टैंड तय

डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि पहले से ही राजद पार्टी ने इस कानून पर अपना स्टैंड साफ़ रखा था. पार्टी ने पहले भी इसका विरोध किया था अब चुनाव सर पर है तो हिंदू मुस्लिम, CAA- NRC जैसे मुद्दे सामने आ रहे हैं. अब चुनाव के आने पर सिर्फ हिंदू मुसलमान, CAA-NRC, ईडी एजेंसियों जैसे मामले ही चर्चा में रहेंगे. 

क्या है CAA कानून

दरअसल CAA कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंगलादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले अल्पसंख्यक (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. नागरिकता में अल्पसंख्यक लोगों को बिना किसी दस्तावेज़ के देश की नागरिकता दिए जाने का केंद्र सरकार ने फैसला लिया है. नागरिकता पाने वाले शरणार्थी को मात्र 6 साल पहले से देश में रहना अनिवार्य है. 

पहले 2016 में लोकसभा में CAA बिल को पेश किया गया था. उस समय यह बिल लोकसभा से पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में अटक गया था. इस कानून को दोबारा 2019 के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पास होने के लिए रखा गया था. जिसके बाद से ही कानून का विरोध देश भर में होने लगा था.

दिल्ली के शाहीन बाग में CAA कानून के विरोध में उग्र प्रदर्शन हुआ था. विरोध को देखते हुए सरकार ने कानून को उस समय लागू करने से लिए रोक दिया था. लेकिन 2019 में CAA कानून लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पास हो गया था. 

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