बिहार, सियासत और शिक्षा विभाग यह तीनों एक साथ राज्य की सर्दी में दौड़ रहे हैं. एक तरफ से सियासी भूचाल मचा हुआ है तो दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री को बदल दिया गया, उसी में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के इस्तीफा की भी खबर खूब चली. लेकिन एक बार फिर से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अपना पदभार संभाला और उनका एक्शन का सिलसिला शुरू हो गया. अब फिर से केके पाठक ने कमान संभालते हुए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई.
इस ठिठुरती हुई ठंड में राज्य के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को बंद करने का निर्देश जारी किया गया था, जो केके पाठक को रास नहीं आया और उन्होंने जिलाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए खूब फटकार लगाई थी. विभाग के अपर मुख्य सचिव की यह फटकार पटना डीएम को रास नहीं आई और उन्होंने अपर मुख्य सचिव के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.
छुट्टियों को लेकर आमने-सामने डीएम और केके पाठक
पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर ने बीते दिनों बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियों को लागू करने का निर्णय लिया था. डीएम ने पटना में 25 जनवरी तक ठंड की छुट्टी को बढ़ाने का फैसला लिया था, जिस पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीएम आमने-सामने आ गए हैं.
डीएम के पत्र पर जवाब देते हुए केके पाठक ने कहा है कि आपने शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी स्कूल को बंद किया है. यह विभाग के आदेश का साफ तौर पर उल्लंघन है. स्कूल को बंद करने की अनुमति आप शिक्षा विभाग से नहीं ले रहे हैं. केके पाठक के इस पत्र के बाद डीएम ने विभाग के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को भी पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
डीएम चंद्रशेखर के इस फैसले का समर्थन करते हुए शिक्षक संघ के नेता भी सामने आए हैं. शिक्षक संघ के नेता आनंद कौशल ने केके पाठक के रवैये पर कहा है कि शिक्षा विभाग के इस फैसले का सीधा असर बच्चों पर पड़ेगा. इस भीषण ठंड में बच्चे अपनी जान दे रहे हैं.
राज्य के जिलाधिकारियों को शिक्षा विभाग के पत्र से डराया जा रहा है. लेकिन हमारा मंच डीएम चंद्रशेखर को धन्यवाद देता है कि उन्होंने सूझबूझ से लाखों बच्चों की जान को बचाया है, लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से उनको भी पत्र लिखकर डराया जा रहा है.
आनंद कौशल ने अपनी बातों में आगे कहा कि विभिन्न जिलों में ठंड के कारण बच्चों की मौत हुई है. ऐसी स्थिति में इन बच्चों की जान का जिम्मेदार कौन है. इस ठंड में अगर बच्चे सुरक्षित और जिंदा रहेंगे तभी तो आगे पढ़ पाएंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
मालूम हो की शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर नए शिक्षा मंत्री आलोक मेहता से भी सवाल पूछा गया था. शिक्षा मंत्री से जब अपर मुख्य सचिव के काम करने के तरीके और रवैये पर सवाल किया गया था तब आलोक मेहता ने केके पाठक के काम को खूब सराहा था. आलोक मेहता ने कहा था कि कुछ दवाइयां कड़वी तो होती है लेकिन बीमारी ठीक कर जाती हैं.
जिले में ठंड का प्रकोप काफी बड़ा हुआ है. कई जिलों से बच्चों के स्कूल जाने पर तबीयत खराब होने की खबर आ रही है. कुछ बच्चों की मौत भी ठंड की वजह से हो गई है, बच्चे -बूढ़े -जवान सभी इस ठंड की मार से जूझ रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग का फैसला है कि स्कूलों को खोला जाए.