पटना में जांच करने गयी पुलिस टीम पर हमला, दरोगा की वर्दी फाड़ी और किया मारपीट

पटना के मनेर में मंगलवार की शाम दो पक्षों के बीच में हुए विवाद को पुलिस सुलझाने के लिए पहुंची रही. जिसपर गांव वालों ने पथराव कर दिया. इस हमले में लोगों ने पुलिस की वर्दी को भी फाड़ दिया.

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पटना पुलिस पर हमला

पुलिस टीम पर हमला

जिस अपराध को रोकने के लिए पुलिस विभाग काम करती है, उसी विभाग को अपराधियों ने बिहार में बीते कई दिनों से अपने निशाने पर रखा है. राज्य में लगातार पुलिस पर हमला करने का मामला सामने आता रहा है. पुलिस जहां भी कहीं छापेमारी के लिए जा रही है या किसी मामले को सुलझाने के लिए भी पहुंच रही है तो टीम पर स्थानीय हमला कर रहे है.

पुलिस टीम पर हमले का ताजा मामला राजधानी पटना का आ रहा है. पटना के मनेर में मंगलवार की शाम दो पक्षों के बीच में सोशल मीडिया पर फोटो डालने को लेकर विवाद हो गया था. विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच में जमकर मारपीट हुई थी. इसी मामले को सुलझाने के लिए पुलिस टीम जब घटनास्थल पर पहुंची तो लोगों ने उल्टा पुलिस पर ही हमला कर दिया.

सोशल मीडिया पर फोटो डालने का मामला 

पुलिस टीम पर हुए इस हमले में मनेर थाने के एसआई रंजीत कुमार की वर्दी को भी गांव वालों ने फाड़ दिया. साथ ही गांव के लोगों ने पुलिस गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. 

पूरा मामला मनेर थाना क्षेत्र के खासपुर पंचायत का है जहां एक लड़के ने दुसरे गांव की लड़की की फोटो इंस्टाग्राम पर लगा दिया था. जिसके बाद लड़की के भाई ने लड़के की जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद यह मामला दोनों गांवों के बीच मारपीट और पथराव होने लगा. इस मारपीट की घटना में दोनों पक्षों के बीच 8 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. जिसके बाद पुलिस की टीम गांव पहुंची थी. गांव पहुंचते ही पुलिस की गाड़ी को देखकर लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया.

पथराव में मनेर थाना के दरोगा रणजीत सिंह सहित 6 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए हैं. घटना के बाद भर्ती संख्या में पुलिस दल गांव पहुंची और 5 लोगों को हिरासत में लिया. पटना पुलिस ने बताया है कि दोनों पक्षों की ओर से लगभग 40-50 लोगों ने पत्थरबाजी की थी. गिरफ्तार हुए लोगों में जयकुमार निराला, सिबू यादव, हरेंद्र कुमार, निशांत कुमार और सुमेर यादव शामिल है. मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है और एफआईआर में भी कुछ लोगों के नाम को शामिल किया गया है.

गौरतलब है कि राजधानी में ही कुछ दिनों पहले महिला पुलिसकर्मी को अज्ञात अपराधियों ने गोली मारी थी. इसके अलावा बिहार के अलग-अलग जिलों में भी पुलिस को अपराधियों ने बेख़ौफ़ तरीके से अपना शिकार बनाया है. इन सब घटनाओं में अपराधी अब भी पुलिस प्रसाशन की पहुंच से काफ़ी दूर है. सरकार ने तो जैसे ऐसे मामलों के खिलाफ कान में रुई डाल रखी है.

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