बिहार के 37 हजार से ज्यादा प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं. राज्य के ऐसे हजारों स्कूलों का खुलासा तब हुआ जब शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों से मान्यता के लिए आवेदन मांगे. इसमें कुल 49,702 स्कूलों ने आवेदन किया, लेकिन इनमें से सिर्फ 11,995 स्कूलों को ही विभाग में मान्यता दी.
राज्य के अलग-अलग जिलों में प्राइवेट स्कूलों के पास समानता नहीं है, यहां फिर भी पढ़ाई जारी है. इनमें मुजफ्फरपुर में 2227 में से सिर्फ 585 स्कूलों के पास ही मानता है. राजधानी में 4511 में से 926 मान्यता प्राप्त स्कूल है, सीतामढ़ी में 1463 में से 665, वैशाली में 2097 में से 466, पश्चिम चंपारण में 2375 में से 301, पूर्वी चंपारण में 1701 में से 259, गया में 2367 में से 353 और दरभंगा में 1457 में से 326 प्राइवेट स्कूल ही मान्यता प्राप्त है.
दरअसल मान्यता के लिए जिन स्कूलों ने आवेदन किया था उन्होंने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया नहीं पूरी की थी. समीक्षा प्रक्रिया में विभाग ने पाया कि 11,995 मान्यता प्राप्त स्कूलों में से महज 5562 निजी स्कूलों ने ही पोर्टल पर अपने यहां उपलब्ध सीट की जानकारी अपलोड की थी. डीईओ अजय कुमार ने बताया कि बिना मान्यता वाले और मान्यता मिलने के बाद स्कूलों को सीट अपलोड नहीं करने पर पहले 15 दिन नोटिस भेजा जाएगा. इसके बाद नियमावली के अनुसार स्कूल को बंद करने की कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में जो बच्चे उस स्कूल में पढ़ रहे हैं उन्हें नजदीक के मान्यता प्राप्त स्कूल से जोड़ा जाएगा. बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का कोई भी सर्टिफिकेट आगे चलकर मान्य नहीं होगा. साथ ही ऐसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का सरकारी रिकॉर्ड में भी नाम नहीं दर्ज होगा. इसलिए विभाग ने बच्चों के माता-पिता को सजग रहने के लिए निर्देश दिए है.