बिहार के शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी में बदलाव होने जा रहा है. नई ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी में पुरुष शिक्षकों का ट्रांसफर गृह अनुमंडल छोड़कर कहीं भी करने को लेकर विवाद बढ़ रहा था, जिसका हल सरकार ने निकाल लिया है. दरअसल इस नई पॉलिसी आने के बाद शिक्षकों ने आपत्ति जताई थी कि जिन जिलों में एक ही अनुमंडल है वहां यह नियम लागू होने पर शिक्षकों का ट्रांसफर अलग-अलग जिलों में करना पड़ेगा. शिक्षकों की आपत्ति पर सरकार ने संज्ञान लेते हुए इसमें संशोधन करने का ऐलान किया.
बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि राज्य के एक अनुमंडल वाले जिलों को आवश्यकता अनुसार कई हिस्सों में बांटा जाएगा. इसके बाद पुरुष शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग उनके जिले में ही की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि अनुमंडल बड़ा हुआ तो उसे 2-5 हिस्सों में बांटा जाएगा, छोटे अनुमंडल को 2-3 हिस्सों में बांटा जाएगा. ऐसे में एक अनुमंडल के उत्तरी हिस्से में पोस्टेड शिक्षक अनुमंडल के दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी या मध्य हिस्से की पंचायत में ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे. इस संशोधन के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग सॉफ्टवेयर में भी बदलाव किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि आवश्यकता अनुसार पॉलिसी में समय-समय पर संशोधन किया जाएगा.
बता दें कि बिहार के अरवल, बांका, जमुई, जहानाबाद, किशनगंज, लखीसराय, शेखपुरा और शिवहर में केवल एक ही अनुमंडल है. बिहार सरकार के शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी के मुताबिक पुरुष शिक्षकों को अपने अनुमंडल को छोड़कर दूसरे अनुमंडल में ट्रांसफर के लिए विकल्प देना अनिवार्य है. ऐसे में इन आठ जिलों के 26,000 से अधिक सरकारी शिक्षकों के दूसरे जिलों में ट्रांसफर होने के आसार बन रहे थे.