बिहार में 19 जुलाई से शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण की शुरुआत हो रही है. तीसरे चरण की परीक्षा के पहले आयोग के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जहां उन्होंने बताया कि टीआरई-3 में नए उपयोग किया जा रहे हैं. पेपर लीक से बचने के लिए उन सभी चैनलों को चिन्हित किया जा रहा है.
बीपीएससी अध्यक्ष ने बताया कि अगर इस परीक्षा में पेपर लीक होता भी है तो वह एक ही जिले तक सीमित रहेगा. दूसरे जिले में इसका असर नहीं पड़ेगा. उदाहरण के तौर पर नवादा में अगर पेपर लीक होता है, तो पूरे राज्य के सभी केंद्र की परीक्षा रद्द नहीं होगी. टीआरई-3 के लिए हर जिले के हिसाब से क्वेश्चन पेपर सेट किया गया है. परीक्षा के लिए कई क्वेश्चन पेपर के सेट तैयार किए जाएंगे. परीक्षा वाले दिन कुछ घंटे पहले क्वेश्चन पेपर को उपलब्ध करवाया जाएगा. और अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस से इसे छपवाया जाएगा. इसके साथ ही डीएम को क्वेश्चन पेपर सेट की जानकारी परीक्षा से 3 घंटे पहले दी जाएगी. क्वेश्चन पेपर की कोडिंग अलग-अलग रंग से की जाएगी.
परीक्षा को कदाचार रूप मुक्त और स्वच्छता से कराने के लिए कई तैयारियां की गई है. जिसमें आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा. जिस गाड़ी में क्वेश्चन पेपर सेंटरों तक पहुंचाया जाएगा, उसमें जीपीएस ट्रैकर लगे होंगे. इसके साथ ही गाड़ी में ड्राइवर के साथ अधिकारी और कर्मचारी भी रहेंगे.
परीक्षा केंद्र पर बायोमेट्रिक एंट्री दी जाएगी. पूरे केंद्र पर सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी और कंट्रोल रूम इसकी लाइव मॉनिटरिंग करेगा. सभी केन्द्रों पर जैमर भी लगाए जाएंगे.
बीपीएससी अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस से बताया कि 65% आरक्षण का मामला इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. शीर्ष कोर्ट से निर्णय आने के बाद बिहार सरकार के निर्देश पर आयोग टीआरई-3 के रिजल्ट को प्रकाशित करेगा. तीसरे चरण के रिजल्ट के बाद ही चौथे चरण की परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा.
बता दें कि बीपीएससी ने टीआरई-3 परीक्षा मार्च महीने में आयोजित की थी. लेकिन उसका पेपर लीक हो गया था. इसके बाद 19, 20 और 21 से जुलाई को एक पाली में फिरसे इस परीक्षा को आयोजित किया जा रहा है. 22 जुलाई को दो पाली में परीक्षा लीजाएगी. इस परीक्षा में करीब छह लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे.