बिहार के बोधगया में आज से तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव की शुरुआत होगी. इस महोत्सव की तैयारी पहले से ही गया में चल रही थी. कालचक्र मैदान में बौद्ध महोत्सव के लिए तैयारी की गई थी इसके लिए कालचक्र मैदान को खूबसूरती से सजाया गया है.
शुक्रवार को बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन समारोह होगा, जिसमें कई गणमान्य लोग शामिल होंगे. इस महोत्सव के लिए कालचक्र मैदान के साथ-साथ ही पूरे बोधगया को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पूरे बोधगया में रंग बिरंगी लाइट लगाई गई है. कालचक्र मैदान में कार्यक्रम के लिए मंच को भी तैयार किया गया है. मंच को बोधगया, राजगीर और नालंदा के थीम पर तैयार किया गया है.
बौद्ध महोत्सव में 3000 भिक्षु शामिल
कालचक्र मैदान में स्टेज बनाने के लिए कारीगरों को दिल्ली से बुलाया गया है. इसके साथ ही महोत्सव में चार देशों से भी कलाकार पहुंचने वाले हैं. बोधगया में बॉलीवुड के चार प्लेबैक सिंगर भी अपने सुर का जलवा बिखेरेंगे. 19 जनवरी को पहले दिन कुणाल गांजावाला, 20 जनवरी को मोहम्मद इरफान और ममता जोशी और 21 जनवरी को नीरज श्रीधर अपने गायकी की प्रस्तुति देंगे.
गुरुवार को बौद्ध महोत्सव के पहले ढुंगेश्वरी पहाड़ी की तलहटी से विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने ज्ञान यात्रा निकाली थी. भगवान बुद्ध के पदचिन्हों पर चलकर बौद्ध श्रद्धालुओं ने विश्व शांति का संदेश दिया. इस यात्रा में जापान, थाईलैंड, वियतनाम, श्रीलंका, भूटान और तिब्बत के लगभग 3000 भिक्षुओं ने विश्व शांति, करुणा मैत्री और भाईचारे का संदेश दिया. यह यात्रा गुरुवर की सुबह 7:30 बजे पहाड़ी से शुरू हुई थी 9 किलोमीटर की इस यात्रा के दौरान रास्ते में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जगह-जगह पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे.
ज्ञान की प्राप्ति के लिए भगवान बुद्ध ने 6 साल तक बोधगया में तपस्या की थी. ज्ञान की खोज में ढुंगेश्वरी पहाड़ी पर 6 सालों तक भगवान बुद्ध ने तपस्या की थी. इसके बाद बोधगया पहुंचे थे, जहां उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.
बौद्ध महोत्सव में इस बार पहली बार पंचायत दर्शन के माध्यम से पंचायत की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके लिए महोत्सव में स्टाल भी लगाए जाएंगे. जिले के 50 पंचायतों का चयन इसके लिए किया गया है. स्टॉल के माध्यम से पंचायत में किए गए उन्मुखीकरण, योजना और जनहित में किए गए कामों को प्रस्तुत किया जाएगा. महोत्सव में बिहार के व्यंजनों के भी फूड स्टॉल लगाए जाएंगे.
इन 50 स्लॉट में से सबसे अच्छा स्टॉल लगाने वाले को प्रथम विजेता का पुरस्कार दिया जाएगा. साथ ही दूसरे और तीसरे विजेता के मुख्य और पंचायत सचिव को भी बौद्ध महोत्सव के मंच पर सम्मानित किया जाएगा.