आज पटना में घर से बाहर निकल रहे लोगों को गाड़ी न मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए घर से निकलने के पहले राजधानीवासी ऑटो हड़ताल के बारे में जानकारी लें. राजधानी पटना में सोमवार को ऑटो, ई-रिक्शा और कैब सड़कों पर नजर नहीं आएंगे.
दरअसल सरकार के द्वारा तय किए गए रूट पर ऑटो चलाने और कलर कोडिंग के खिलाफ ऑटो, ई-रिक्शा और कैब चालकों ने हड़ताल का ऐलान किया है. चालक संघ कि मुख्य मांगे हैं कि तय रूट के फैसले को सरकार वापस ले. उसके अलावा शहरी क्षेत्र में ऑटो, ई-रिक्शा के लिए स्टैंड बनाया जाए. पटना शहरी क्षेत्र में परमिट दिया जाए. टाटा पार्क स्ट्रैंड को और विकसित किया जाए. ई-रिक्शा के लिए चार्जिंग पॉइंट बनाया जाए और सस्ते, आसान तरीके से लाइसेंस बनाने की व्यवस्था की जाए.
बीते 1 सितंबर को संयुक्त संघर्ष मोर्चा की ओर से हड़ताल का ऐलान किया गया था. जिसमें एक दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प ऑटो चालकों ने लिया. ऑटो चालकों ने कहा कि अगर हमारी मांग को एक दिन में नहीं मानी गई, तो हम फिर से हड़ताल पर जाने का फैसला करेंगे.
इसके अलावा आज ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर फेडरेशन की ओर से भी हड़ताल बुलाई गई है. जिसमें गर्दनीबाग धरना स्थल पर ऑटो चालक इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. फेडरेशन के अध्यक्ष ने बताया कि इस हड़ताल को समर्थन देने के लिए दूसरे जिलों से भी चालक पटना पहुंचेंगे.
अकेले राजधानी पटना के शहरी इलाकों में 25 से 30 हजार ऑटो चलते हैं. जिनमें करीब 15 हजार ई-रिक्शा है. पटना के टाटा पार्क से 9 रूट के लिए गाड़ी खुलती है. जिसमें पटना सिटी, अगम कुआं, हनुमान नगर, कंकड़बाग, नाला रोड ,बैरिया स्टैंड, हाजीपुर, पोस्टल पार्क शामिल है. टाटा पार्क में ऑटो रखने की क्षमता 500 से 600 है, जबकि 10 हजार से अधिक और ऑटो, ई-रिक्शा यहां से गुजरते हैं. जिस कारण जाम की समस्या खड़ी हो जाती है.