मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने बिहार के लाखों शिक्षकों को बड़ा झटका दिया है. पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पॉलिसी पर रोक लगा दी है. जिसके बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार ट्रान्सफर-पोस्टिंग पॉलिसी में संशोधन कर सकती है. सभी चरणों की सक्षमता परीक्षा होने के बाद शिक्षकों के ट्रांसफर होंगे और अगर जरूरत पड़ी तो सरकार नई ट्रांसफर पॉलिसी भी लेकर आएगी.
शिक्षा विभाग द्वारा सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षक, नियमित शिक्षक और बीपीएससी से चयनित शिक्षक से ऑनलाइन ई शिक्षाकोष पोर्टल से ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. इस पॉलिसी के खिलाफ औरंगाबाद के शिक्षकों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इस याचिका पर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए स्टे लगा दिया है और बिहार सरकार से 3 हफ्ते के अंदर अदालत में जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया. मामले पर अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को होगी.
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार मनमानी ढंग से चॉइस ऑप्शन दे रही है. इससे शिक्षकों को गुमराह किया जा रहा है. महिला शिक्षकों के लिए पंचायत चॉइस का ऑप्शन दिया गया है, जबकि पुरुषों के लिए अनुमंडल का, जिसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं. अब तक इस ट्रांसफर पॉलिसी के तहत 1.20 लाख शिक्षकों ने आवेदन किया है.