बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से ही बयान-बाजियों का दौर चालू है. पार्टीयां अपने-अपने तैयारी सुनिश्चित कर रही हैं, तो वही बैठकों का दौर भी चल रहा है. चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी(रालोजपा) ने पटना में बुधवार को बैठक बुलाई. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री और पार्टी के प्रमुख पशुपति पारस भी शामिल हुए. बैठक में फैसला लिया कि पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की इच्छा के अनुरूप ही भविष्य के काम तय होंगे. चुनावी मैदान में उतरने से लेकर अन्य सभी फैसलों को पार्टी आपसी सहमति से ही करेगी. पशुपति पारस ने कहा कि रालोजपा 1 दिसंबर से 31 मार्च तक पूरे बिहार में सदस्यता अभियान चलाएगी, जिसमें 20 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा जाएगा.
इसके अलावा पशुपति पारस ने यहां अपने पार्टी दफ्तर खाली करने पर नाराजगी भी जाहिर की. इसके साथ ही उन्होंने एनडीए पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हमारी पीठ में छुरा घोपा है. हमें तुरंत गठबंधन से अलग होना चाहिए.
इधर चिराग पासवान ने अपने चाचा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह एनडीए में शामिल नहीं है. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वह एनडीए में थे कब. अलग तो वह होता है जो गठबंधन का हिस्सा हो. वह एनडीए में रहेंगे तब ना खुद को अलग करेंगे. एनडीए के किसी बैठक में उन्हें नहीं बुलाया जाता है, फिर भी वह खुद को एनडीए का हिस्सा कहते हैं. वह लोकसभा चुनाव के दौरान ही गठबंधन से अलग हुए थे. आने वाले विधानसभा चुनाव की गिनती में भी उन्हें कोई नहीं रख रहा.