बिहार के नवादा में महादलित परिवारों के घरों को जला देने का मामला सियासी गलियों में तूल पकड़ रहा है. एक साथ करीब 30 महादलित परिवारों के घरों को दबंगों ने जला दिया, जिस पर नीतीश सरकार तेजस्वी यादव और राजद नेताओं के निशाने पर हैं. वही इस पर चुप्पी साधे रहने पर जीतन राम मांझी और चिराग पासवान भी घेरे में आए थे. मगर घटना के बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इसे राजद की करतूत बता दिया. केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा कि यादव समाज के लोगों ने कुछ दलित बस्ती को आग लगाने की इस बड़ी वारदात की साजिश रची.
जितेन राम मांझी ने आगे कहा था कि जिस जगह यह घटना हुई वहां दलित और महादलित लोग मिलकर रहते थे. लेकिन यादव जाति के कुछ लोगों ने पासवान समाज के लोगों को जमीन का लालच देकर घटना को अंजाम दिलवाया. उन्होंने आगे कहा है कि इस मामले में पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया उसमें से 12 लोग यादव जाति के हैं.
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने नवादा कांड पर अपना बयान देते हुए जीतन राम मांझी के आरोपों पर पलटवार किया. लालू यादव ने कहा कि मांझी देश और समाज को भ्रमित कर रहे हैं. मांझी का काम लोगों को भड़काना और दो समाज के लोगों के बीच आक्रोश पैदा करवाना है.
लालू यादव के बाद उनके बेटे और बिहार सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी मांझी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी आरएसएस की भाषा बोलते हैं, उन्हें सच से कोई मतलब नहीं है. जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष मांझी दोनों ही आरएसएस के स्कूल से पढ़े हैं. इन दोनों को तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली से लेकर बिहार तक इन्हीं की सरकार है, यह लोग कार्रवाई करें.