60,244 पदों के लिए यूपी में 17-18 फरवरी को परीक्षा का आयोजन कराया गया था, जिसके पेपर लीक होने के बाद यूपी सीएम का ताबड़-तोड़ देखा जा रहा है. पेपर लीक होने के बाद राज्य सरकार ने फैसला लिया था कि यूपी पुलिस की परीक्षा को रद्द कर दिया जाएगा और 6 महीने के भीतर दोबारा परीक्षा आयोजित कराई जाएगी. पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 को रद्द कर इस पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंपा जाएगा.
डीजी रेणुका मिश्रा को अध्यक्ष पद से हटाया
इस घोषणा के बाद आज एक और बड़ी कार्रवाई इस मामले में हुई है. मंगलवार को यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की डीजी रेणुका मिश्रा को सरकार ने अपने पद से हटा दिया है. आईपीएस रेणुका मिश्रा को फ़िलहाल प्रतीक्षारत में रखा गया है और बोर्ड के नए अध्यक्ष के तौर पर डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा को जिम्मेदारी दी गई है. राजीव कृष्णा के ऊपर यूपी पुलिस बोर्ड के अध्यक्ष के साथ-साथ विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार रहेगा. /democratic-charkha/media/media_files/PjZOJhur62HCLb9SvfpK.jpg)
आईपीएस रेणुका मिश्रा को 14 जून 2023 को बोर्ड का महानिदेशक और अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उनकी गिनती तेज-तर्रार पुलिस ऑफीसरों में होती है. रेणुका मिश्रा 1990 बैच की आईपीएस ऑफिसर है.
युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ नहीं
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर बताया था कि- यूपी पुलिस की आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी 6 माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं. परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे. ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है.
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गृह विभाग में परीक्षा को निरस्त करने का आदेश जारी किया है.
मालूम की 18 फरवरी को आयोजित हुई परीक्षा में कृष्णनगर के एक स्कूल में परीक्षार्थी के पास से सवालों के जवाब के पर्ची मिली थी. इसके बाद ही अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने की आशंका जताई थी. इस परीक्षा को रद्द करने के लिए प्रयागराज, लखनऊ और आगरा जैसे शहरों में छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया था. 60,244 पदों के लिए 50 लाख युवाओं ने आवेदन किया था, जिसमें से 48 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था.