बिहार में पांचवें चरण का चुनाव सोमवार को संपन्न हो गया. पांचवें चरण में राज्य में 55.85 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि पिछले चुनाव की तुलना में 1.22 प्रतिशत कम रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में 57.07 फीसदी वोटिंग पांचवें चरण में हुई थी.
राज्य में पांचवें चरण में सबसे ज्यादा वोट मुजफ्फरपुर में हुए. मुजफ्फरपुर में 58.10 प्रतिशत वोट डाले गए, जबकि मधुबनी सबसे पिछड़ा रहा. मधुबनी में 52.20 फ़ीसदी मतदान हुआ. सीतामढ़ी में 57.55 प्रतिशत, सारण में 54.50 प्रतिशत और हाजीपुर में 56.84 प्रतिशत वोट डाले गए.
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2019 में सबसे ज्यादा वोटिंग मुजफ्फरपुर में ही हुई थी. मुजफ्फरपुर में 2019 के आम चुनाव में 61.17 प्रतिशत वोट डाले गए थे. सीतामढ़ी में 59.32 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जबकि सारण में 56.6 प्रतिशत, हाजीपुर में 55.26 प्रतिशत और सबसे कम मधुबनी में ही 53.81 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर में वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई.
पांचवें चरण के चुनाव खत्म होने के बाद चिराग पासवान, राजीव प्रताप रूडी, रोहिणी आचार्य, देवेश चंद्र ठाकुर, मोहम्मद एए एम फातमी, शिव चंद्र राम सहित 80 उम्मीदवारों के भाग्य को ईवीएम में कैद कर लिया गया.
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एएन श्रीनिवासन के मुताबिक पांचवें चरण में मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र के गायघाट के बूथ संख्या 140 और औराई के बूथ संख्या 13 पर विकास कार्य नहीं होने की वजह से मतदान का बहिष्कार किया गया. मॉक पोल के दौरान 36 कंट्रोल यूनिट, 45 बैलट यूनिट और 59 वीवीपैट को बदला गया. मॉक पोल के बाद 28 कंट्रोल यूनिट, 32 बैलट यूनिट और 86 वीवीपैट को बदला गया. राज्य में पांचवें चरण में कुल 11,484 कंट्रोल यूनिट, 13,562 बैलट यूनिट और 12,573 वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया.
सारण में रोहिणी आचार्य के खिलाफ एकजुट होकर लोगों ने नारेबाजी और पत्थरबाजी की. इधर रिवीलगंज में पथराव में अपर थाना अध्यक्ष को चोट भी आई है.
पांचवें चरण में बिहार के कुल 95 लाख 11 हजार 186 मतदाता थे, जिनमें 49 लाख 99 हजार 627 पुरुष, 45 लाख 11 हजार 259 महिला और 300 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल थे. पांचवें चरण के लिए चुनाव आयोग ने सभी पांच लोकसभा क्षेत्र में 9436 मतदान केंद्र बनाए थे. जिनमें से 8222 मतदान केंद्र ग्रामीण और 1214 मतदान केंद्र शहरी क्षेत्र में बनाए गए थे.