क्यों सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के शिक्षकों को लगाई फटकार?

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा को रद्द करने से मना कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य के शिक्षकों को कड़ी फटकार भी लगाई है.

New Update
शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने वाली सक्षमता परीक्षा कई बार कोर्ट के दरवाजे पर पहुंच चुकी है. इसी कड़ी में इस परीक्षा को सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचाया गया, जहां से याचिकाकर्ताओं को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा को रद्द करने से मना कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षक देश का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाते हैं. अगर शिक्षक परीक्षाओं का सामना नहीं कर सकते, तो उन्हें अपने नौकरी से इस्तीफा दे देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने आगे फटकार लगाते हुए कहा कि बिहार में जहां किसी भी पोस्ट ग्रेजुएट को नौकरी मिल जाती है, लेकिन वह शिक्षक छुट्टी का एप्लीकेशन तक नहीं लिख पाते.

26 जून को जस्टिस बीवी नगरत्न के अध्यक्षता वाली बेंच ने सक्षमता परीक्षा की याचका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए योग्यता परीक्षा करने का फैसला लिया गया था, तो लोगों की तरफ से इसका विरोध किया गया था. शिक्षक संघ के परीक्षा को रद्द करने वाली याचिका को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि बिहार सरकार के नियमों के अनुसार शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी. बिहार सरकार शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए फैसला ले रही है तो इसका समर्थन करना चाहिए. हमें अपनी जिम्मेदारियां को भूलकर सिर्फ सैलरी और प्रमोशन पर ध्यान नहीं देना चाहिए. अगर शिक्षक इन परीक्षाओं का सामना नहीं कर सकते तो उन्हें अपनी नौकरी छोड़ देनी चाहिए.

बता दें कि बिहार शिक्षक संघ की ओर से बिहार शिक्षक नियमावली 2023 का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. शिक्षक संघ ने कोर्ट से सक्षमता परीक्षा को बंद कराने की मांग की थी. 

supreme court on bihar teacher's exam Bihar Teacher's exam bihar teacher competency test