क्या लालू यादव देंगे पप्पू और पारस को मौका? लोकसभा चुनाव में दोनों हुए अकेले

मंगलवार की शाम जाप के संरक्षक पप्पू यादव राजद सुप्रीमों लालू यादव से मिलने उनके घर पहुंचे. पप्पू यादव ने इस मुलाकात की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लालू यादव को पिता सामान बताया.

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पप्पू यादव और लालू यादव की मुलाकात

पप्पू यादव और लालू यादव की मुलाकात

लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है, चुनाव के पहले पार्टियों में बगावत का दौर जारी है. पहले चरण के लिए नोटिफिकेशन आज जारी हो गया. नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत होने के बावजूद उम्मीदवारों का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है. इसके पीछे की बड़ी वजह राजनीतिक समीकरण है.

दरअसल बिहार में एनडीए की सरकार के बीच में सीटों का बंटवारा हो गया और लगभग सभी चेहरों पर मुहर भी लग चुकी है. लेकिन इंडिया एलायंस के पार्टियों के बीच में अभी तक सीटों को लेकर बैठकों का दौर जारी है. इसी बीच मंगलवार की शाम जन अधिकार पार्टी(जाप) के संरक्षक पप्पू यादव राजद सुप्रीमों लालू यादव से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे. पप्पू यादव ने लालू यादव के आवास पर तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान तेजस्वी और पप्पू यादव के बीच में लंबी बातचीत भी हुई है. दोनों के मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं. कहा जा रहा है कि इस चुनाव में पप्पू यादव राजद और इंडिया एलायंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

चुनाव में पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं

पप्पू यादव पूर्णिया सीट से चुनाव में दावेदारी ठोक रहे हैं. वही राजद, कांग्रेस वामपंथी और कुछ अन्य दल मिलकर लोकसभा चुनाव में एनडीए के मुकाबले के लिए सीटों बंटवारे पर मंथन कर रहे हैं.

लालू यादव से मुलाकात के बाद पप्पू यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा- आज अभिभावक पितातुल्य आदरणीय लालू जी, माननीय नेता प्रतिपक्ष भाई तेजस्वी जी के साथ पारिवारिक माहौल में मुलाक़ात. मिलकर बिहार में बीजेपी को जीरो पर आउट करने की रणनीति पर चर्चा हुई. बिहार में INDIA गठबंधन की मज़बूती, सीमांचल, कोसी, मिथिलांचल में 100% सफलता लक्ष्य है.

जाप सुप्रीमो ने एक इंटरव्यू में कहा कि पूर्णिया सीट हमारे लिए मायने नहीं रखती. सबसे ज्यादा मायने रखता है तो वह भाजपा को किसी भी कीमत पर रोकना. इसके अलावा कमजोर वर्ग को पहचान दिलाना, उनकी रक्षा करना और भाजपा के विचारधारा के खिलाफ लड़ना ही हमारा मकसद है.

हालांकि इसके बीच यह भी देखा गया कि एनडीए के सीट बंटवारे में लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस को बिल्कुल दरकिनार कर दिया गया. पशुपति पारस को इस बार के चुनाव में एक भी सीट नहीं दी गई. जिसके बाद उन्होंने मंगलवार को नाराज होकर केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. पशुपति पारस पर भी संशय बना हुआ है कि वह इंडिया अलायन्स का हाथ थाम सकते हैं. जल्द ही पारस अपने आगे के प्लान को लेकर ऐलान कर सकते हैं.

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