14 साल पुराने मामले में लेखिका अरुंधति रॉय पर चलेगा UAPA के तहत मुकदमा, जानें पूरा मामला

कश्मीर पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में अरुंधति रॉय और डॉक्टर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ UAPA केस चलाने का आदेश दिया गया है. दोनों के खिलाफ यह केस 2010 में दर्ज कराया गया था. 

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अरुंधति पर चलेगा UAPA मुकदमा

अरुंधति पर चलेगा UAPA मुकदमा

14 साल पुराने मामले में लेखिका अरुंधति रॉय के खिलाफ UAPA के तहत केस चलाने को मंजूरी मिली है. कश्मीर पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में अरुंधति रॉय और डॉक्टर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ UAPA केस चलाने का आदेश दिया गया है. दोनों के खिलाफ यह केस 2010 में सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने दर्ज कराया था. 

दरअसल 21 अक्टूबर 2010 को कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल लाॅ के पूर्व प्रोफेसर डॉ शेख और लेखिका अरुंधति शामिल हुए थे. नई दिल्ली के एलटीजी ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम का नाम “आजादी: द ओनली वे” था. इसी कार्यक्रम में कथित तौर पर लेखिका ने कश्मीर को लेकर भड़काऊ भाषण दिया था. उन्होंने यहां कहा था कि कश्मीर को भारत से अलग किया जाए. इस कार्यक्रम में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व लेक्चर एस आर गिलानी और एक्टिविस्ट वरवर राव भी मौजूद थे. इन तीनों की मौत हो चुकी है.

UAPA की धारा 13 में 7 साल की सजा

2010 में इस भाषण के खिलाफ सुशील पंडित ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद वह नई दिल्ली में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट गए. अब 14 साल बाद उपराज्यपाल बीके सक्सेना ने राॅय और डॉक्टर शेख के खिलाफ (गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की धारा 451 के तहत मुकदमा चलाने को मंजूरी दी है. 2023 में उपराज्यपाल ने सीआरपीसी की धारा 196 के तहत दोनों पर आईपीसी की धारा 153ए, 153बी और 505 के तहत मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी. इन धाराओं में से 153ए के तहत धर्म, जाति, भाषा के आधार पर समूह के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना. 153 के तहत राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालना और 505 के तहत किसी भी समूह या व्यक्तियों के समुदाय को किसी अन्य समूह या समुदाय के खिलाफ कोई अपराध करने के लिए उकसाना या इरादा करना शामिल है.

UAPA की धारा 13 में किसी गैर कानूनी गतिविधि के लिए अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है. 

मालूम हो कि अरुंधती रॉय देश-विदेश में मशहूर महिला लेखिका है. उनकी किताब “द गॉड ऑफ़ स्माल थिंग्स” को 1997 में बुकर प्राइज भी मिल चुका है. इस अवार्ड को जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला भी बनी थी.

Kashmir News Writer Arundhati Roy UAPA case on Arundhati Roy UAPA case on Sheikh Shaukat Hussain