वैशाली: “हम लोगों को मारना कितना आसान हैं ना” किस घटना पर बोला 22 साल का मुस्लिम लड़का?

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Rahul Gaurav
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वैशाली: “हम लोगों को मारना कितना आसान हैं ना” किस घटना पर बोला 22 साल का मुस्लिम लड़का?
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ट्विटर पर बिहार के बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता विगत दो-तीन दिनों से #IsupportAryanSingh और #Boycott_Rjd ट्वीटर पर ट्रेंड करवा रहें हैं। ये आर्यन सिंह कौन है? जिसके समर्थन में युवाओं की एक लंबी भीड़ खड़ी हो गई है। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा था, जिसमें एक व्यक्ति छह लोगों को गाली देते हुए बारी-बारी से मोटे डंडे से पीटता नज़र आ रहा है।

यह व्यक्ति जो उन लोगों को पीट रहा था, वह वैशाली जिला का बजरंग दल का अध्यक्ष आर्यन सिंह था। और जो लोग पीटे जा रहे हैं, वे सभी मुसलमान हैं। उनका गुनाह यह था कि वो सभी लोग साधुओं के वेशभूषा में थें। इनके पास बसहा बैल है जिसको साथ रखकर ये लोग घूम-घूम कर भीख मांगते थें।

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पूरा मामला जानिए

महान बौद्ध तीर्थ और भगवान महावीर के जन्मस्थान वैशाली में नंदी बैल के साथ भिक्षा मांगने वाले से भिक्षा देने से पहले इनका नाम पूछा जाता है, इनकी जाति और धर्म पता करने के लिए। जाति और धर्म पसंद नहीं आने पर इन्हें मारा पीटा जाता है, इन्हें गालियां दी जाती है। क्योंकि अब लोगों को इनकी भूख से नहीं इनकी जाति और धर्म से मतलब है।

स्थानीय पत्रकार अजीत कुमार पूरे मामले को विस्तार से बताते हैं कि

25 जुलाई के दिन साधु की वेशभूषा में घूम रहे छह लोगों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पकड़कर पीट दिया था। जिसका वीडियो चार-पांच दिन के बाद वायरल किया गया। हाजीपुर के कदम घाट स्थित श्री नारायण महादेव मंदिर के पुजारी बिंदु महाराज ने बजरंग दल के वैशाली अध्यक्ष आर्यन सिंह को सूचना दी थी। सभी साधु के वेश में कई दिनों से हाजीपुर के शहरी इलाके में भीख मांग रहे थे। कभी भी कोई गलत हरकत या गलत काम करते हुए नहीं पाए गए। जब बजरंग दल के सदस्यों को पता चला कि यह मुसलमान हैं तो इन्हें पीट कर वीडियो बनाया  फिर थाना भेज दिया।

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(आर्यन सिंह की तस्वीर)

अजीत आगे जानकारी देते हैं

पुलिस ने जब सत्यापन किया कि यह सभी लोग उत्तर प्रदेश के बहराइच के थें तो इनको रिहा कर दिया गया और जो लोग इनकी पिटाई में शामिल थे उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ की गई हैं। वैशाली पुलिस ने नगर थाने में आर्यन सिंह पर नामजद एफ़आईआर दर्ज़ की है।

पुरानी परंपरा और खानदानी पेशा है

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और कशिश न्यूज़ के संपादक संतोष सिंह लिखते हैं कि

यूपी के जिला बहराइच में  पचास से अधिक मुसलमानों का ऐसा गांव हैं, जहां वर्षों से मुसलमान अलग अलग नस्ल का नंदी पालता है और संत सांधू का वेश धारण कर पूरे उत्तरी भारत में पैदल घूम धूम कर भीख मांगता रहता है। ये उन मुसलमानों की पुरानी परंपरा है। मतलब अभी भी बहुत सारी परम्पराये हैं जिसे धर्म के बंधन में बांध नहीं सकते। साथ ही हिन्दू विकंलाग नंदी को रखना शुभ नहीं मानते और ऐसे विकंलाग नंदी को हिन्दू यहाँ आकर दे जाते हैं।

वहीं एसएसपी बहराइच केशव कुमार चौधरी बताते हैं

ये लोग जोगी मुस्लिम कहलाते हैं और कई पुश्तों से ऐसे ही नंदी बैल लेकर घूमते और भिक्षाटन करते रहे हैं। इन लोगों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।

वहीं गिरफ्तार हुए करीम अहमद (38 वर्ष) कहता हैं कि

हम लोग मुसलमान हैं लेकिन हमारा खानदानी पेशा ये रहा है। हमारे बाप दादा ने यही काम किया है। आज ये लोग आधार कार्ड मांग कर हमलोगों को मारे-पीटे।”

करीम अहमद के अलावा सैयद अली , हसन, महबूब, हलीम अहमद और सुबराती शामिल है।

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बजरंग दल का सुनिए

बजरंग दल के जिलाध्यक्ष आर्यन सिंह बताते हैं कि, “यह लोग जब से साधु बनकर आए हुए हैं तभी से इनके आचार व्यवहार से शक हुआ था तो उनके पीछे गुप्चर लगाए गए। पुजारी जी ने बताया कि ये लोग रात में जाकर होटल में मांसाहार करते हैं और प्रसाद फेंक देते थे। सावन के पावन माह में भगवान शिव की सवारी नंदी महाराज के साथ इनका पकड़ा जाना बहुत संदेह पैदा करता है।”

बिहार सरकार इस आतंकी पर कब करवाई करेगी?

वामपंथी पार्टी से जुड़े छात्र नेता अमित चौधरी बताते हैं कि

कुछ महीने पहले ही जेडीयू के कार्यकर्ता की क़त्ल कर इसी तरह वीडियो वाइरल की गई थी। ये राष्ट्रवादियों के नाम पर आतंकियों का एक पूरा नेक्सस है, जो पूरे बिहार में इसी तरह काम कर रही है। सरकार और आईबी पूरी तरह बेख़बर हैं और ये अपने पूरी गतिविधि को सोशल मीडिया पर डाल कर लोगों में दहशत पैदा करना चाहते हैं।

“इस हिंसा को क्या कहा जाये। वैसे पुलिस एफआईआर दर्ज कर गिरफ्ता२ी के लिए छापामारी शुरु कर दिया है।  लेकिन सवाल यह है कि इस तरह के गुंडागर्दी के लिए अब तो ज़िम्मेवारी तय होनी चाहिए कब तक यह चलता रहेगा।” आगे अमित चौधरी बताते है।

मैथिली भाषा में कई किताब लिखने वाले और वरिष्ठ पत्रकार आत्मेश्वर झा बताते हैं कि

आर्यन सिंह जैसा असामाजिक तत्व पुलिस का काम करेगा? आर्यन सिंह को हमारे कल्चर के बारे में कितना पता है। इन लोगों को शायद ही पता होगा कि हमारे बिहार में ही नट समुदाय में हिंदू और मुसलमान दोनो होते हैं, इसी तरह जानवर की मदद से अपना रोज़गार चलाते हैं। जड़ी बूटी बेचते हैं, झाड़ फूंक करते हैं। नट बिरादरी में तो हिन्दू मुस्लिम में रोटी बेटी का रिश्ता भी रहा है। हिन्दुओं में शायद ही कोई बिरादरी हो जो मुसलमानों में नहीं हो। हिन्दुओं में अगर भीख मांगने का पेशा करने वाले गोसाई या गिरी है तो हमारे यहां फकीर या साईं है। इन बेचारे ग़रीब लोगों को तंग करके हीरो बनना आर्यन सिंह और उसके संगठन के लोगों की आदत हो गई।

नई घटना नहीं हैं

मोहम्मद तौशी शेख, 22 साल का सुपौल का यह लड़का सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहता है। इस पूरी मामला पर वो बताता हैं कि, “कुछ दिनों पहले ही गोंडा के एक गांव में मुस्लिम फकीर से आधार कार्ड मांग गया। नहीं दिखाने पर बाकायदा उठक-बैठक लगवाई, इतना ही नहीं उन तीनों से जबरदस्ती जय श्री राम के नारे भी लगवाए गए। सोशल मीडिया पर या वीडियो खूब वायरल हुआ था। एक बात बताइए हम लोगों को मारना कितना आसान हैं ना।”