गया में फैलते डेंगू को रोकने में क्यों नाकामयाब है सरकार?

नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल के आंकड़ों के अनुसार बिहार में 2022 में कुल 13972 डेंगू के मरीज़ मिले थे और 32 मरीजों की मौत हुई थी

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नाजिश महताब
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24 घंटे में 37 डेंगू मरीज मिले

पूरे बिहार में हर दिन डेंगू से पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है. शुक्रवार (20 सितंबर) को 140 नए डेंगू मरीज मिले हैं. इसमें सिर्फ पटना के 80 डेंगू पीड़ित हैं. पूरे राज्य में इस साल एक जनवरी से 19 सितंबर तक डेंगू मरीजों की कुल संख्या 2381 हो गई है. इस साल अब तक सिर्फ पटना में ही 1145 डेंगू के नए मरीज हो चुके हैं.

पटना के बाद सबसे अधिक 14 डेंगू मरीज गया में मिले. बेगूसराय में 5, औरंगाबाद 4, वैशाली 4, सारण में 4 नए डेंगू मरीज मिले. दरभंगा, कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में 3-3 नए डेंगू मरीज मिले.

नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल के आंकड़े चौका देने वाले

नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल के आंकड़ों के अनुसार बिहार में 2022 में कुल 13972 डेंगू के मरीज़ मिले थे और 32 मरीजों की मौत हुई थी. वहीं 2023 में मरीजों की संख्या बढ़ कर कुल 20,224 हो गई थी और 2023 में 74 मौतें भी हुई थी.

पटना के बाद सबसे अधिक 14 डेंगू मरीज गया में मिले, पितृ पक्ष मेला भी शुरू

बिहार के गया में इन दिनों पितृ पक्ष मेला चल रहा है. देश विदेश से पिंडदानी अपने पितरों का पिंडदान करने आते हैं. जहां हज़ारों की संख्या में पिंडदानी अपने पितरों का पिंडदान करने आते हैं.

इस बीच जिले में डेंगू के मरीज भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू का प्रकोप ज़्यादा है. वर्ष 2023 की बात करें तो जनवरी से सितंबर तक डेंगू के 106 मरीज मिले थे, इस साल 22 सितंबर तक डेंगू के 160 मरीज मिल चुके हैं. इस वर्ष अभी तक ग्रामीण क्षेत्र में 55 और शहर में 105 मरीज मिले हैं. गया के मानपुर निवासी अनिल बताते हैं कि “ बिहार में पटना के बाद गया में मरीज़ों की संख्या सबसे अधिक है. गया में अभी पितृ पक्ष मेला शुरू हो गया है जहां हर जगह से श्रद्धालु आते हैं. ऐसे में गया नगर निगम द्वारा किसी भी तरह का कार्य न करना ये साफ़ बताता है की सरकार सोई हुई है. मरीज़ो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ना तो फॉगिंग की जा रही है ना ही एंटी लारवा का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में हमें डर है की कहीं ये स्तिथि और भयावह न हो जाए."

यह पिछले वर्ष की तुलना में अधिक देखा जा रहा है. इतना ही नहीं पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में अधिक डेंगू के मरीज मिले थे. इस बार अबतक ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में लगभग दोगुना शहरी क्षेत्र में मरीज मिले हैं. गया के पंचानपुर में रहने वाले विनोद बताते हैं कि “अभी तक इधर एंटी लारवा का छिड़काव नहीं हुआ है. मेरी पत्नी पिछले कई दिनों से बीमार है और डेंगू टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आया था. फिर भी इधर न तो फॉगिंग की जाती है न ही एंटी लारवा का छिड़काव. सरकार को चाहिए की जल्द से जल्द ध्यान दे वरना डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी."

नहीं हो रही एंटी करने का छिड़काव, गया नगर निगम नहीं है मुस्तैद

डेंगू को लेकर नगर निगम मुस्तैद नज़र नहीं आ रहा है. गया में इलाकों में न तो फॉगिंग हो रही है, न ही एंटी लारवा का छिड़काव. गया के एपी कॉलोनी के निवासी अविनाश बताते हैं कि “देखिए डेंगू काफ़ी ज़्यादा फैलता जा रहा है जिसके कारण कई सारे लोग डेंगू से पीड़ित हैं. गया नगर निगम द्वारा भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. किसी भी तरह के कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. सरकार को चाहिए की जल्द से जल्द कीटनाशक का छिड़काव करे वरना गया में डेंगू महामारी का रूप ले लेगा.”

हालांकि ये वो आंकड़े हैं जो सरकार के सामने हैं, ऐसे भी कुछ लोग हैं जिनकी गिनती सरकार के पास नहीं है. गया में डेंगू के मामले बढ़ने के दो कारण हैं- पहला कारण यहां वायरस की सक्रियता बढ़ने के अनुकूल तापमान और नमी है और दूसरा आसपास फैली गंदगी. इसके साथ ही लोगों में डेंगू को लेकर जागरूकता की कमी भी इसके रूप को और भयावह बना देता है. आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में बढ़ता है डेंगू का प्रकोप पिछले वर्ष 591 डेंगू के मरीज मिले थे. उनमें दो की मौत भी हो गयी थी.

इस दौरान सबसे अधिक मामले अक्टूबर माह में आये थे. आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2023 में 247 डेंगू के मरीज मिले थे. वहीं नवंबर में डेंगू के मामले घटने लगे थे और 183 मामले मिले थे. इस कारण यह अनुमान है कि इस वर्ष भी अक्टूबर माह स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चुनौती भरा रहेगा. इस माह में डेंगू के मामले बढ़ने की संभावना है.

ऐसे में नगर निगम को कई सारी परेशानियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. साफ़ सफाई से लेकर एंटी लारवा के छिड़काव तक ध्यान देना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो एक बड़ी महामारी के चपेट में गया हो जायेगा. हज़ारों की संख्या में आए लोगों को किस तरह महफूज़ रखा जाए ये सोचने वाली बात है. 

डेंगू से कैसे करें बचाव?

जब हमने डॉक्टर नौशाद से बात की तो उन्होंने बताया कि “डेंगू का मच्छर गंदे पानी में होता है, तो कहीं भी पानी जमा होने न दें.  टंकी में पानी ढक कर रखें और घरों को साफ़ रखें और फल का इस्तेमाल ज़्यादा से ज़्यादा करें. कीवी का इस्तेमाल करना सबसे फायदेमंद होगा. कूलर का पानी रोज़ बदलें. जंगली पेड़ पौधों को साफ़ करें."

जब हमने गया नगर निगम से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने हमारा कॉल नहीं उठाया. लेकिन हम लगातार कोशिश करते रहेंगे ताकि लोगों की समस्या का जल्द से जल्द निदान हो. डेंगू के मामले पिछले कई सालों में बढ़ते आए हैं. कोरोना के वक्त डेंगू के मामलों में कमी देखी गई है लेकिन कोरोना के बाद मामलों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सरकार को चाहिए की नगर निगम पर दबाव बनाए ताकि को काम जो सिर्फ़ कागज़ों पर हो रहा है वो हक़ीक़त में भी हो सके.