पश्चिमी सिंहभूम के लोगों को 2 महीनों से नहीं मिला है राशन
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की स्थिति काफी खराब है. यहां 6 गांवों के करीब 650 परिवारों को पिछले 3 महीने से राशन नहीं मिला है. विभिन्न राशन कार्ड धारकों को या तो राशन नहीं मिल रहा है.
झारखंड का नाम सुनते ही आपके मन में बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों और खदानों के दृश्य आते हैं, साथ ही आपको लगता है कि झारखंड वाकई एक विकासशील राज्य है जो लगातार अपने आप में सुधार कर रहा है. डेमोक्रेटिक चरखा पर हमने आपको लगातार कई ऐसी रिपोर्ट दिखाई हैं जिसमें झारखंड की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य व्यवस्थाओं की हकीकत क्या है?
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की स्थिति काफी खराब है. यहां 6 गांवों के करीब 650 परिवारों को पिछले 3 महीने से राशन नहीं मिला है. विभिन्न राशन कार्ड धारकों को या तो राशन नहीं मिल रहा है या बहुत कम मिला है। जिन्हें 35 किलो अनाज मिलना चाहिए था उन्हें 24 किलो ही मिला है। जब लोग डीलर से पूछते हैं तो वह कहता है कि हमें ऊपर से काम का राशन मिल गया है तो हम आपके लिए कहां से लायें. देखिए पश्चिमी सिंहभूम के खूंटपानी ब्लॉक से संदीप प्रधान की ये ग्राउंड रिपोर्ट.
सिर्फ 2 लाख 80 हजार किलो चावल बांटा गया
आपने देखा कि कैसे लोगों को राशन की कमी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई महिलाएं जो काम नहीं कर सकतीं, वे छोटी-छोटी चीजें जैसे झाड़ू, सूप की टोकरी आदि बनाकर बाजार में बेच रही हैं और किसी तरह अपने बच्चों का पेट भरने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन यह कोशिश भी पर्याप्त नहीं है। उनके बच्चों को महीने में कई दिन भूखे पेट सोना पड़ता है. झारखंड सरकार के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाइट के अनुसार पश्चिमी सिंहभूम जिले के खूंटपानी प्रखंड के 77000 लोगों के लिए 3 लाख किलो चावल और 82 हजार किलो गेहूं का आवंटन. जिसमें से सिर्फ 2 लाख 80 हजार किलो चावल बांटा गया, जबकि 68000 किलो गेहूं बांटा गया. वेबसाइट पर बचे हुए राशन के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.