पटना: क्या दुनिया का सबसे बड़ा <strong>WiFi </strong>बनाने का दावा फिसड्डी साबित हुआ<strong>?</strong>

विश्व का सबसे बड़ा वाईफाई जोन पटना में है. यह बात जितनी शाब्दिक अच्छी लग रही है, वास्तविकता इससे जरा हटके है. पटना को विश्व का सबसे बड़ा वाईफाई जोन बताने का दावा करने वाली बिहार सरकार किन आधारों पर ऐसा कहती है, इसके जमीनी हकीकत की जांच हमने की

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पटना में दुनिया का सबसे बड़ा free WiFi zone बनें की कवायद साल 2014 में शुरू हुई थी. लेकिन अब ये सिर्फ एक याद बन कर रह गयी है. अब यहां WiFi काम नहीं करता है.

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Bihar CM Nitish Kumar

पढ़िए डेमोक्रेटिक चरखा की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

विश्व का सबसे बड़ा वाईफाई जोन पटना में है. यह बात जितनी शाब्दिक अच्छी लग रही है, वास्तविकता इससे जरा हटके है. पटना को विश्व का सबसे बड़ा वाईफाई जोन बताने का दावा करने वाली बिहार सरकार किन आधारों पर ऐसा कहती है, इसके जमीनी हकीकत की जांच हमने की. राज्य सरकार के द्वारा 20 किलोमीटर के रेडियस में फ्री वाईफाई जोन बनाया गया जो एनआईटी मोड़ से लेकर सगुना मोड़ तक काम कम करता है.

20 किलोमीटर के रेंज को तो छोड़ दीजिए यह फ्री वाईफाई सेवा तो एनआईटी मोड़ से लेकर गांधी मैदान के बीच ही विफल साबित हुई.

हमने शुरुआत एनआईटी (NIT, Patna) मोड़ से की. कई बार हमने अपने फोन के वाईफाई को रिफ्रेश किया और यह देखने की कोशिश की लेकिन राज्य सरकार या किसी भी सरकारी वाईफाई सेवा का नाम उस सूची में दिखाई नहीं दे रहा था. एनआईटी मोड़ के पास एक पुराने राशन दुकानदार व्यक्ति सुभाष से हमने बात की और पूछा कि क्या फ्री वाईफाई सेवा एनआईटी मोड़ पर काम करती है? उन्होंने हमें बताया कि

"कोई वाईफाई सेवा काम नहीं करती है. हम लोग तो अपना इंटरनेट रिचार्ज करवाते हैं और उसका इस्तेमाल करते हैं. सरकार के तरफ से दी गई यहां कोई वाईफाई सेवा फिलहाल काम नहीं कर रही है."

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free wifi zone patna
अशोक राजपथ के कॉलेजों के पास है अपनी वाईफाई सेवा, लेकिन बिहार सरकार की नहीं

हमने अशोक राजपथ स्थित पटना विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी केंपस में भी इसकी जांच की. इसी के तहत पटना साइंस कॉलेज में भी इसकी जांच की गई. हमें लगा कि संभव है सरकार किसी रिसर्च कॉलेज या संस्थान के निकट इस सेवा को जारी रखती होगी. लेकिन पटना साइंस कॉलेज गेट के पास भी और कैंपस के अंदर भी किसी प्रकार की वाईफाई सेवा जो सरकार की ओर से प्रदान की गई हो सूची में नहीं दिखी. वहां मौजूद कुछ छात्रों से भी बात हुई. उनमें से एक जो पटना साइंस कॉलेज का छात्र है राहुल ने हमें बताया कि-

"कैंपस के अंदर तो फ्री वाईफाई सेवा सिर्फ कॉलेज की अपनी है और उससे तो हर छात्र लाभान्वित होता है. लेकिन उसके अलावा कोई फ्री सेवा नहीं है. और आप जो कह रहे हैं कि बिहार सरकार के द्वारा दी गई फ्री वाईफाई सेवा, ऐसी कोई वाईफाई सेवा तो अब तक नहीं है खासकर जब से मैंने यहां एडमिशन लिया है."

पटना साइंस कॉलेज से आगे पटना विश्वविद्यालय के गेट पर भी हमने इस हकीकत की जांच-पड़ताल की. वहां भी किसी प्रकार का बिहार सरकार द्वारा प्रदत फ्री वाईफाई सेवा फोन में दिखाई नहीं दिया.

पटना कॉलेज के गेट पर और कैंपस के अंदर भी बिहार सरकार के फ्री वाईफाई वाले दावे झूठे साबित हुए. वहां मौजूद छात्र शुभम से हमने पूछा कि क्या यहां पर किसी प्रकार की फ्री वाईफाई सेवा उपलब्ध है जो कॉलेज के अतिरिक्त छात्रों को दी जा रही हो?

तो शुभम ने बताया कि

"नहीं ऐसी तो कोई सेवा नहीं है. यहां तक कि जो कॉलेज का अपना वाईफाई है उसके लिए भी लॉग-ईन करके आईडी पासवर्ड जनरेट करवाना पड़ता है. आमतौर पर हम लोग तो खुद ही अपने फोन में रिचार्ज करवाते हैं और उसी का इस्तेमाल करते हैं."

पटना कॉलेज के बाद पीएमसीएच के पास भी कॉलेज का अपना फ्री वाईफाई तो है लेकिन बिहार सरकार जिस फ्री वाईफाई सेवा को देने का दावा कर रही है वह नहीं है. पीएमसीएच में काम करने वाली एक कर्मचारी राधिका से हमारी बात हुई. उन्होंने हमें बताया कि-

"यहां पर तो कैंपस के अंदर दी जाने वाली वाईफाई सेवा है और तो कुछ नहीं है. और आप जिस वाईफाई सेवा की बात कर रहे हैं ऐसी किसी सेवा के बारे में मैंने किसी अन्य व्यक्ति से भी नहीं सुना."

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शुरुआत में काम करता था वाईफाई लेकिन वर्तमान स्थिति खराब

इस पूरे घटनाक्रम के बीच एक और बात सामने आई. कुछ लोगों ने बताया कि वाईफाई शुरू-शुरू में काम करता था. इस विषय पर हमने एनआईटी के पास रहने वाले आनंद से बात की जो यहां के मूल निवासी भी हैं. उन्होंने बताया कि-

"कुछ साल पहले वाईफाई बहुत अच्छा काम करता था. अगर आप शाम के समय आते तो यहां पर काफी भीड़ दिखती. लोग फिल्म डाउनलोड करने, इंटरनेट चलाने या फिर किसी तरह का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाने के लिए यहां आते थे. लेकिन उसके कुछ समय बाद ही इंटरनेट स्पीड धीरे-धीरे पूरी तरह से खत्म हो गई. "

2014 में आया था फ्री वाईफाई सेवा का कांसेप्ट

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 2014 में फ्री वाईफाई सेवा का कांसेप्ट लाया गया था. इसके तहत बिहार को विश्व का सबसे बड़ा वाईफाई जोन बनाने की बात कही गई थी. उस समय फ्री वाईफाई से लाने का मुख्य उद्देश्य बिहार को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ाना था. बिहार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कितना आगे बढ़ा इस पर तो टीका टिप्पणी नहीं की जा सकती. लेकिन वर्तमान में फ्री वाईफाई सेवा का कॉन्सेप्ट पूरी तरह से धरातल पर धराशाई नजर आ रहा है.

फ्री वाईफाई सेवा के साथ शुरू हुईं थी और भी कई योजना

बिहार सरकार द्वारा जब फ्री वाईफाई सेवा का कांसेप्ट लाया गया तो उसके साथ कई और योजनाओं का भी अनावरण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था. मुफ्त वाईफाई सेवा के साथ-साथ सिटी सर्विलेंस के लिए 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी बात कही गई थी. इसके अलावा डायल 100 को भी लागू किया गया था. सीसीटीवी की हालत भी शहर में मुफ्त वाईफाई जैसी ही है.

कई स्थानों पर तो कैमरे ही नहीं लगे हैं. कुल मिलाकर मुफ्त वाईफाई के साथ शुरू हुई योजनाएं भी कुछ खास सफल नजर नहीं आ रही है.

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मुफ्त वाईफाई सेवा होती तो नगरवासियों को मिलता लाभ

बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई फ्री वाईफाई सेवा यदि सचमुच बेहतरीन ढंग से कार्य कर रही होती तो इससे नगरवासियों को काफी लाभ मिलता. खासकर गरीब तबके के लोग जो इंटरनेट सेवा का लाभ उठाने के लिए हर महीने रिचार्ज करवाने पर मजबूर हैं उन्हें इस योजना से काफी मदद मिलती.

इसके अलावा छात्र भी इससे लाभान्वित होते. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अशोक राजपथ में जनरल कंपटीशन की तैयारी करने वाले छात्रों की संख्या काफी अधिक है. ऐसे में कई बार छात्र शिक्षक की ऑनलाइन क्लास खरीद कर तैयारी करते हैं जिसमें इंटरनेट की आवश्यकता होती है. ऐसे में कॉलेज और जनरल कंपटीशन की तैयारी करने वाले छात्रों को भी इससे काफी मदद मिलती.

परंतु जब मुफ्त वाईफाई सेवा ही नहीं है तो फिर लाभ कैसा?

उठते हैं कई गंभीर सवाल

फ्री वाईफाई सेवा की बदहाल स्थिति को लेकर बिहार सरकार और उनके प्रशासनिक अधिकारियों पर कई सवाल खड़े होते हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब करोड़ों रुपए खर्च करके शुरू की गई इस योजना का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है तो यह आम जनता के द्वारा भरे गए टैक्स के पैसे की एक प्रकार से बर्बादी है.

इसके अलावा इससे बिहार सरकार की अंतरराष्ट्रीय छवि भी धूमिल होती है जिसके तहत पटना को विश्व का सबसे बड़ा वाईफाई जोन होने का दावा किया जाता है. जब बिहार सरकार इस योजना को लेकर आई थी तब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी काफी प्रशंसा की गई थी और कहा जा रहा था कि चीन के बनाए रिकॉर्ड को बिहार ने तोड़ दिया है. ऐसा इसलिए कहा गया था क्योंकि चीन में 3.5 किलोमीटर के रेडियस का मुफ्त वाईफाई सेवा शुरू है जो उस वक्त की सबसे लंबी फ्री वाईफाई सेवा थी.

यदि अब भी राज्य सरकार द्वारा इस योजना के जमीनी सुधार के लिए सकारात्मक प्रयास किए जाएं तो निश्चित ही इसका लाभ भी लोगों तक पहुंच पाएगा. इसके साथ ही सरकार की अंतरराष्ट्रीय छवि भी जस-की-तस बनी रहेगी. अन्यथा यह बात केवल शाब्दिक ही रह जाएगी कि पटना विश्व का सबसे बड़ा वाईफाई जोन है.

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