बिहार के कैमूर में 'जय श्री राम' ना बोलने पर 13 साल के बच्चे को पीटा

बिहार के कैमूर में 'जय श्री राम' ना बोलने पर नौवीं क्लास के छात्र के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. वायरल वीडियो में बच्चे से जबरदस्ती

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पल्लवी कुमारी
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बिहार के कैमूर में 'जय श्री राम' ना बोलने पर 13 साल के बच्चे को पीटा
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बिहार के कैमूर में 'जय श्री राम' ना बोलने पर नौवीं क्लास के छात्र के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. वायरल वीडियो में बच्चे से जबरदस्ती 'जय श्री राम' का नारा लगवाया जा रहा है. वहीं नारा नहीं लगाने पर बच्चे को पीटा जा रहा है. मामला कैमूर (भभुआ) जिले के चैनपुर गांव का है. पुलिस ने परिजन की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

बिहार के कैमूर

(दाहिने से दूसरे नंबर पर बच्चे के पिता)

छात्र स्कूल खत्म होने के बाद घर जाने के लिए निकला था. स्कूल से महज़ 100 मीटर की दूरी पर आठ लड़के मौजूद थे. लड़के बच्चे को रोक कर उससे ‘जय श्री राम का नारा’ लगाने को कहते हैं. नारा नहीं लगाने पर बच्चे को पीटते हैं. बच्चा जब जय श्री राम बोल देता है तब वे लोग उसे छोड़कर चले जाते हैं. 

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वीडियो वायरल होने पर परिजन को मिली घटना की जानकारी

बच्चे से मारपीट और जबरन नारा लगवाने की घटना 19 जुलाई की है. लेकिन बच्चे के परिजन को इस बात की जानकारी नहीं थी. एक महीने बाद 18 अगस्त को इस घटना का वीडियो इलाके में वायरल होने के बाद परिजन के मोबाइल पर पहुंचा. वीडियों में अपने बच्चे को पहचानने के बाद परिजन ने बच्चे से इस बारे में पूछा.

डेमोक्रेटिक चरखा से बातचीत में पीड़ित बच्चे के पिता अख्तर परवेज़ अंसारी बताते हैं “मेरा तबियत ख़राब रहती है. जिसके कारण डर से बच्चे ने मुझे या अपनी मां को कुछ नहीं बताया. घटना के एक महीने बाद 18 अगस्त को मेरे पास वीडियो और परिचित लोगों का फ़ोन आया. फ़ोन पर बताया गया कि वीडियो में आपका बच्चा है जिसके साथ मारपीट हुई है. फिर हमने बच्चे से सख्ती से पूछा तब जाकर उसने पूरा बात बताया.”  

घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने भभुआ सदर थाना में आरोपी लड़कों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज़ करवाई है. तीन नामजद और पांच अज्ञात लड़कों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई गयी है.

बच्चे के पिता बताते हैं “चार बाइक पर आठ लड़के थे. मारपीट करने वाले तीन लड़के को बच्चा पहचानता है इसलिए उनके खिलाफ़ नामज़द प्राथमिकी दर्ज़ करवाए हैं. जबकि पांच को वह नहीं जानता है.”

आरोपी लड़के भभुआ के नजदीकी गांव अखिलासपूर के बताए जा रहे हैं.

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स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

घटना की जानकारी स्कूल प्रशासन को दो दिनों के बाद 22 जुलाई को ही मिल गयी थी. बच्चा सेंट लारेंज इंग्लिश पब्लिक स्कूल भभुआ में पढ़ता है. घटना होने के बाद बच्चा डर से दो दिनों तक स्कूल नहीं गया. तीसरे दिन स्कूल जाने के बाद बच्चे ने क्लास टीचर को घटना की जानकारी दी. लेकिन इसके बाद भी स्कूल प्रशासन ने बच्चे के परिजन को घटना की जानकारी नहीं दी.

बच्चे के चाचा जमील अंसारी बताते हैं “स्कूल प्रशासन को सारी जानकारी होने के बाद भी उसने हमे सूचना नहीं दी. बच्चे ने घटना की जानकारी स्कूल प्रबंधक और असिस्टेंट टीचर को दिया था. स्कूल प्रबंधक ने बच्चे को कहा की जाओ तुम एफ़आईआर कर दो. 13 साल के बच्चे को एफ़आईआर (FIR) के बारे में क्या समझ है. छात्र से एफ़आईआर करने के बजाए उसे अभिभावक को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी.”   

बच्चे के परिजन स्कूल प्रशासन पर लापरवाही और मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं. परिजन बताते हैं “स्कूल कैंपस और बाहर कहीं भी कैमरा नहीं लगा हुआ है. जिससे आरोपी लड़के की पहचान हो सके.”

वहीं आरोपी लड़के सेंट लारेंस इंग्लिश पब्लिक स्कूल के ही पूर्ववर्ती छात्र बताये जा रहे हैं. परिजनों का कहना है कि स्कूल की मिलीभगत के कारण यह घटना हुई है.

बच्चे के पिता बताते हैं “आरोपी छात्र इसी स्कूल से 12वीं पास हैं. स्कूल प्रशासन इस बात को जानता है. सबकुछ जानते हुए वह उन छात्रों को बचा रहा है.”

डर से स्कूल नहीं जा रहा छात्र 

घटना की जानकारी सामने आने के बाद से छात्र स्कूल नहीं जा पा रहा है. डर और शर्म के कारण छात्र ने स्कूल जाना छोड़ दिया है. जिसके कारण उसकी पढ़ाई बाधित हो गयी है. चूंकि छात्र नौवीं कक्षा का छात्र है इस कारण इस बीच उसका नामांकन किसी दूसरे स्कूल में होना मुश्किल है.

छात्र के भविष्य की चिंता करते हुए अख्तर परवेज़ कहते हैं “मेरा बच्चा डरा हुआ है. इतनी बड़ी घटना होने के बाद उस स्कूल में वापस भेजना कैसे संभव है. जिस स्कूल का प्रबंधक ही आरोपी से मिला हो वहां बच्चे को कैसे भेजेंगे?”

अख्तर परवेज़ आगे कहते हैं “सेशन के बीच में बच्चे का नामांकन दूसरे स्कूल में होना संभव नहीं है. ऐसे में उसका एक साल बर्बाद हो जाएगा.”

स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई करें प्रशासन

तीन नामज़द और पांच अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज़ होने के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है. अन्य लोगों की गिरफ़्तारी के लिए परिजन पुलिस पर दबाव बना रही है. साथ ही परिजन स्कूल प्रबंधक पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.

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(भभुआ सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.)

स्कूल प्रबंधक पर कार्रवाई के लिए परिजन डीएम से मिलने भी गये थे. लेकिन बीपीएससी परीक्षा के कारण उनकी मुलाकात डीएम से नहीं हो पायी है.

अख्तर परवेज बताते हैं “दो लड़के की गिरफ़्तारी हो चुकी है. जिनसे बाकी लड़कों की जानकारी प्रशासन को मिल चुकी होगी. उन सबकी गिरफ़्तारी जल्द हो इसके लिए डीएम से मिलने आए हैं.”   

वहीं भभुआ सदर थाना के एसएचओ संजय कुमार बताते हैं “बदमाशी से लड़कों ने उस बच्चे की पिटाई कर दी है. पिटाई करने वाले लड़के भी छात्र ही हैं. जिसमें से दो लड़के की गिरफ़्तारी हुई है. बाकि की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी किया जा रहा है.”    

क्या बच्चे के मानसिक प्रताड़ना की कभी भरपाई हो पाएगी?

एक 13 साल के बच्चे को सिर्फ़ इसलिए पीट दिया गया क्योंकि उसने जय श्री राम का नारा नहीं लगाया. ऐसे में उस बच्चे की मानसिक स्थिति क्या होगी? देश में चल रहे नफ़रत के वक्त की चोट जो बच्चे के मन पर हुई है, क्या उसकी कभी भरपाई हो पाएगी?

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