क्या दरभंगा AIIMS बदल देगा बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा, बिहार में 13 नवंबर को नए AIIMS का शिलान्यास किया, जिसकी लागत 1264 करोड़ रुपए है, और इसे 36 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है।

बिहार में यह दूसरा AIIMS होगा, लेकिन राज्य की मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए केवल एक अस्पताल बनाना पर्याप्त नहीं है।

बिहार सरकार ने 2024-25 के वित्तीय बजट में स्वास्थ्य विभाग के लिए 14,932 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, लेकिन यह राशि राज्य की जरूरतों के लिए अपर्याप्त मानी जा रही है।

राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों और चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी है, जिससे मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

बिहार के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या और उनमें उपलब्ध सुविधाएं बहुत कम हैं, और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति राष्ट्रीय मानकों से नीचे है।

सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के पदों की भारी कमी है, और स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता भी बहुत कम है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

राज्य में आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं की कमी है, जैसे कि कैथ लैब और एंजियोप्लास्टी के लिए मैनपावर, जिससे मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने दरभंगा AIIMS में सुपरस्पेशियलिटी सेवाएं शुरू करने की बात कही है, लेकिन सवाल उठता है कि जिला अस्पतालों में ऐसी सुविधाएं कब तक उपलब्ध होंगी।