प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जगह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2018 में बिहार फसल सहायता योजना(bihaar phasal sahaayata yojana) शुरू की थी. जो किसानों को अपर्याप्त वर्षा, ओलावृष्टि, बाढ़, सुखाड़ या फसल में कीट लग जाने जैसी प्राकृतिक आपदाओं में फसल को हुई क्षति पर किसानों की मदद करती है.
योजना के अनुसार फसल की अधिकतम 20% या उससे कम का नुकसान होने पर भी किसान इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मुआवजा दिया जाता है, जिसमें प्रति हेक्टेयर 7500 रुपए दिया जाता है. वहीं फसल को 20 फीसदी से ज्यादा का नुकसान होने पर मुआवजे की राशी प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपए तय की गई है.
राज्य में इससे पहले केंद्र द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(pradhaanamantree phasal beema yojana) में किसानों को बीमा कंपनियों को दो फीसदी राशी का भुगतान करना पड़ता था. बाकि के 98 फीसदी राशी केंद्र और राज्य मिलकर देती थी. लेकिन बिहार फसल सहायता योजना में किसानों को किसी भी तरह की राशी का भुगतान नहीं करना पड़ता है.
यह योजना छोटे जोत वाले किसानों की इन विपरीत परिस्थितियों में मदद करने के लिए लाया गया था. लेकिन किसानों को इसका नियमित तौर पर लाभ नहीं मिल पा रहा है.
पूरा लेख पढ़ें-