यूट्यूबर और भाजपा नेता मनीष कश्यप को आज एक फर्जी वीडियो मामले में बड़ी राहत मिली है. पटना सिविल कोर्ट ने भाजपा नेता को बरी कर दिया है. साल 2023 में फर्जी वीडियो मामले में बिहार पुलिस के क्राइम ब्रांच ने यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. मनीष कश्यप को भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कुछ दिनों पहले ही भाजपा में ज्वाइन करवाया था. मनोज तिवारी बिहार पहुंचे और मनीष कश्यप को मनाया और भाजपा में शामिल करा लिया.
इस मामले में बरी होने की खबर मनीष कश्यप ने खुद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी. मनीष कश्यप में एक्स पर लिखा कि तमिलनाडु प्रकरण में आर्थिक अपराध इकाई बिहार ने मेरे ऊपर जो चार केस किया था और उन चारों केस में मैं बाइज्जत बरी हो गया.
मनीष कश्यप ने लिखा- तामिलनाडु प्रकरण में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) बिहार ने मेरे ऊपर चार केस किया था और उन चारों केस में मैं बाइज़्जत बरी हो गया. कमाल की बात यह है कि पहली बार बिहार में किसी एक व्यक्ति के चार केस स्पीड ट्रायल में डाले गए और उन चारों केसों में वो व्यक्ति बाइज़्जत बरी हो गया.
मुझे अब किसी से बदला नहीं लेना है बल्कि बदलाव करना है ताकि अगली बार कोई बेवजह झूठे केस में फंसकर जेल ना जाए. उम्मीद है कि जिन लोगों ने मेरे ख़िलाफ ढोल पीट पीट कर सोशल मीडिया पर मुझे बदनाम करने का प्रयास किया था वे लोग अब एक छोटा हीं वीडियोबनायेंगे या एक पोस्ट जरूर करेंगे और इस केस के बारे में पूरे बिहार तथा देश को जरूर बनाएंगे. नोट- अख़बार ने केस के बारे में गलत छापा है. इस केस में ट्विटर पर किसी ने हथकड़ी लगा हुआ फ़ोटो पोस्ट कर दिया था और आनन फानन में EOU ने मेरे ऊपर केस कर दिया था.
दरअसल मनीष कश्यप ने तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ मारपीट का एक वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया था. इस मामले में मनीष कश्यप बुरे फंस गए थे. वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने इसे भ्रामक बताते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज किया था. तमिलनाडु पुलिस के साथ बिहार अपराध इकाई ने भी इस मामले में यूट्यूबर कश्यप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी.
इस मामले में जब मनीष कश्यप पर दबिश की थी तो वह अंडरग्राउंड हो गए थे. इसके बाद बेतिया पुलिस ने मनीष के घर पर कुर्की की थी, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने में सरेंडर किया था. मनीष कश्यप इस मामले में 9 महीने तक जेल में रहे थे.