डेढ़ महीने के लंबे इंतजार के बाद 15 मार्च को बिहार में नीतीश सरकार ने अपने कैबिनेट का विस्तार पूरा किया. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शुक्रवार को 21 मंत्रियों को शपथ दिलाई. बिहार कैबिनेट में भाजपा के 12 और जदयू से 9 मंत्री बनाए गए हैं. भाजपा ने अपने पार्टी में 6 नए चेहरे को कैबिनेट में जगह दी है, जबकि जदयू ने अपने सभी पुराने चेहरे को ही मंत्री पद की शपथ दिलाई है. केवल मात्र एक चेहरे को बदला है जिसमें संजय झा जो राज्यसभा चले गए हैं, उनकी जगह महेश्वर हजारी को मंत्री बनाया गया है.
शुक्रवार को हुए कैबिनेट विस्तार के बाद अब मुख्यमंत्री के कैबिनेट में कुल 30 मंत्री हो गए हैं. जिनमें भाजपा की ओर से 15 मंत्री हैं, जदयू की ओर से 13 मंत्री हैं, हम पार्टी और निर्दलीय कोटे से एक-एक मंत्री कैबिनेट में शामिल है.
6 मंत्री ऊंची जाति से बनाए गए
इस मंत्रिमंडल के विस्तार में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि मुस्लिम-यादव यानी एमवाई समीकरण को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है.
मंत्रिमंडल विस्तार पर गौर करने वाली बात है कि इसमें सिर्फ एक मुस्लिम मंत्री को जगह मिली है. वही सवर्ण जाति से 6 मंत्री बनाए गए हैं, दलित(एससी-एसटी) से 6, अति पिछड़ा(बीसी) से 4, पिछड़ा(बीसी) से 4 मंत्रियों को शपथ दिलाया गया है. एनडीए के साथ इस दूसरे कैबिनेट विस्तार में संतोष सिंह(राजपूत, सवर्ण), दिलीप जायसवाल(वैश्य, पिछड़ा), हरि सहनी(मल्लाह, अति पिछड़ा), सुरेंद्र मेहता(कुशवाहा, पिछड़ा), कृष्णनंदन पासवान(पासवान, दलित), केदार गुप्ता(वैश्य, पिछड़ा) नए मंत्री के तौर पर शामिल हुए हैं. जबकि रेणु देवी(नोनिया, अति पिछड़ा), मंगल पांडे(ब्राह्मण, सवर्ण), नीरज कुमार सिंह(राजपूत, सवर्ण), नितिन मिश्रा(ब्राह्मण, सवर्ण), नितिन नवीन(कायस्थ, सवर्ण) पुराने ही चेहरे हैं.
जदयू कोटे से अशोक चौधरी(पासी, दलित), लेसी सिंह(राजपूत, सवर्ण), सुनील कुमार(चमार, दलित), मदन सहनी(मल्लाह, अति पिछड़ा), महेश्वर हजारी(पासवान, दलित), जयंत राज(कुशवाहा, पिछड़ा), जमाखन(कुशवाहा, पिछड़ा), रत्नेश सदा(मुसहर, दलित), शीला मंडल(धानुक, अति पिछड़ा) को मंत्री बनाया गया है.