पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव के कार्यालय पर गुरुवार के दिन पुलिस ने छापेमारी की. बड़ी संख्या में पुलिस दल-बल के साथ पप्पू यादव के कार्यालय पहुंची, जहां पुलिस ने पप्पू यादव के प्रचार गाड़ी को जब्त कर लिया.
पप्पू यादव को जैसे ही सूचना मिली कि पुलिस उनके कार्यालय पहुंची, वह भी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे. कार्यालय के बाहर पुलिस और पप्पू यादव के बीच तिखी बहस चली. निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने पुलिस पदाधिकारी से पूछा कि किसके आदेश पर आप सभी यहां आए हैं?
मीडिया से बातचीत करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि यह सब राजनीतिक साजिश के तहत कराया जा रहा है. उनकी जान को खतरा है. अगर उन्हें कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदार सरकार और स्थानीय प्रशासन होगी.
बिहार पुलिस ने आरोपों से किया इंकार
पप्पू यादव ने आगे बताया कि उनके कार्यकर्ता प्रचार गाड़ी को सजा रहे थे, तभी पुलिस वहां पहुंच गई. जिस दिन उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया था, उसी दिन उनकी सुरक्षा को हटा दिया गया था. जब नॉमिनेशन हो गया है, स्क्रुटनिंग हो गई है तो परमिशन क्यों नहीं दी जा रही? फोर्स बिना आर्डर के कैसे आगे प्रचार गाड़ी को थाने लेकर चली गई? सभी दल एक हो गए हैं.
पुलिस की कार्रवाई पर पप्पू यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- कितना नीचे गिरेगी सरकार पूर्णिया के बेटे को और कितना परेशान करेगी? जनता जवाब देगी! बीजेपी-जदयू की सरकार का हार का डर अच्छा लगा! मुझे Y श्रेणी की सुरक्षा देने के लिए इनके पास पुलिस बल नहीं है. छापा मारने सैकड़ों पुलिस भेज दिया.
पप्पू यादव के कार्यालय पर छापेमारी के मामले को बिहार पुलिस ने नकार दिया है. बिहार पुलिस एसडीपीओ सदर पुष्कर ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रचार के लिए बिना परमिशन के गाड़ी सजाई जा रही है. जिसके लिए पुलिस जांच करने पहुंची. पप्पू यादव के कार्यालय पर किसी तरह की छापेमारी नहीं हुई है.
बता दें कि पूर्णिया लोकसभा सीट इस चुनाव में सबसे ज्यादा बिहार के लिए हॉट सीट बनकर उभरी है. पूर्णिया के लिए पप्पू यादव ने अपनी पार्टी तक को कुर्बान कर दिया. पूर्णिया से उम्मीदवारी के लिए पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय करा दिया. इसके बावजूद यादव को कांग्रेस ने पूर्णिया सीट से टिकट नहीं दिया, अंत में उन्होंने इस सीट के लिए निर्दलीय पर्चा भरा है.