2 अक्टूबर को बिहार में जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी हुई, जिसके बाद देश भर में पक्ष और विपक्ष की ओर से बयानों का सिलसिला शुरू हो गया. जातीय जनगणना रिपोर्ट अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.
दरअसल, कल 2 अक्टूबर को बिहार में जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी हुई, जिसके बाद देश भर में पक्ष और विपक्ष की ओर से बयानों का सिलसिला शुरू हो गया.
इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है. याचिकाकर्ता ने बिहार सरकार द्वारा जाति जनगणना रिपोर्ट जारी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की मांग की है, जिसे फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
कल जारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में पिछड़ा वर्ग- 27.1286%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग- 36.0148%, अनुसूचित जाति- 19.6518%, अनुसूचित जनजाति- 1.6824%, अनारक्षित- 15.5224% है.
राज्य में हिंदू आबादी 81.99%, इस्लाम आबादी 17.7% है.