15 मई की शाम छपरा के मोतीराज मदरसा में अचानक ब्लास्ट हो गया था, जिसमें मदरसा के मौलाना की मौत हो गई थी और एक बच्चा घायल भी हो गया है.
मदरसा ब्लास्ट में एनसीपीसीआर की टीम ने शुक्रवार दोपहर जांच की. टीम के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने मदरसा में छात्रों से और लोगों से पूछताछ की. छात्र ने बताया है कि वह लोग मस्जिद में नमाज पढ़ कर लौट रहे थे, इसी दौरान तेज धमाका हुआ और धुएं का गब्बर उठा. उस वक्त मदरसा में मौलाना इमामुद्दीन के साथ उनकी पत्नी, एक दूसरे मौलाना और एक छात्र भी था. जब सभी लोग मदरसे में पहुंचे तब उन्होंने देखा कि एक ओर मौलाना फर्श पर पड़े हैं. छात्र भी आम के पेड़ के नीचे गिरा हुआ था. दोनों को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया और घटना के बाद सभी छात्रों को आसपास के लोगों ने इधर-उधर भेज दिया.
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष कानूनगो ने एक्स पर जानकारी दी कि मदरसा ब्लास्ट घटनास्थल से पुलिस को क्रूड बम बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले बंदूक की गोलियों के छर्रे और नुकीली सुईया मिली है. बम को चुनाव में इस्तेमाल किया जाना था, इस बिंदु पर भी पुलिस जांच करेगी.
जांच की वीडियो को भी अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें वह अलमारी से विस्फोटक बनाने का सामान निकालते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि बम बनाने के दौरान धमाका हुआ हो. वही मदरसे को अवैध निर्माण भी बताया गया है. कहा गया कि सरकार के पास से इस मदरसे का कोई रिकॉर्ड नहीं था.
मोतीराज मदरसा ब्लास्ट पर राजीव प्रताप रूडी ने मामले की जांच की मांग की है. उन्हेंहोने राजद पर गंभीर आरोप लगाया है कि उनके कहने पर ही बम बनाया जा रहा था.
मालूम हो कि बुधवार को खबर आई थी की मदरसे के पीछे बॉल नुमा सामान रखा हुआ था, जिसे एक 10 साल का छोटा बच्चा उठाकर ले आया. सामान को मौलाना ने देखने के लिए हाथ में लिया तभी उसमें ब्लास्ट हो गया, जिससे मौलाना और बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के दौरान मौलाना की मौत हो गई थी. घटना के बाद से मदरसे के सभी लोग लापता हो गए थे. पुलिस ने बताया था कि घटनास्थल से सबूत मिटाने के लिए टाइल्स को भी साफ किया गया था.