बिहार सरकार ने मंगलवार कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया है. नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले यह फैसला लिया है कि 94 लाख गरीब परिवारों को राज्य में पैसे दिए जाएंगे.
राज्य सरकार 94 लाख गरीब परिवारों को पांच सालों तक दो-दो लाख रुपए की सहायता देगी. यह रकम गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए तीन किस्तों में सरकार की ओर से दिए जाएंगे, जिसकी पहली किस्त लोकसभा चुनाव से पहले ही नीतीश सरकार देने वाली है.
बीते साल 9 नवंबर को विधानसभा में जातीय और आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की गई थी. इसी समय बिहार सीएम नीतीश कुमार ने इस बात की घोषणा की थी कि वह गरीब परिवारों को रोजगार के लिए पैसे देगी. इसी घोषणा पर अमल करते हुए मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी है. योजना के तहत पहली किस्त में 25%, दूसरी किस्त में 50% और की तीसरी किस्मत में 25% की राशि सरकार की ओर से दी जाएगी. एक किस्त के उपयोग के बाद ही दूसरे किस्त की राशि दी जाएगी.
गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपए की राशि
मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने पत्रकारों से बातचीत में इस बात की सूचना दी. उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग के अंतर्गत राज्य के विभिन्न वर्गों के गरीब परिवारों के आर्थिक विकास के लिए बिहार लघु उद्योग योजना को स्वीकृति दी गई है.
राज्य में 94 लाख 33 हजार 312 गरीब परिवार हैं जिनकी आय ₹6000 प्रति माह या उससे भी कम है. यह लोग इतने पैसे में ही अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं. सरकार गरीब परिवारों के एक सदस्य को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि देगी. यह सहायता राशि राज्य के सभी वर्ग के लोगों को दिए जाने की घोषणा की गई है. योजना के लिए 2023-24 में 250 करोड़ रुपए, 2024-25 में सांकेतिक रूप से 1000 करोड़ रुपए, कुल मिलाकर 1250 करोड़ रुपए की राशि पर प्रशासनिक स्वीकृति मिली है.
इसके अलावा कैबिनेट ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) और संघ लेवल लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के परीक्षा में लगे हुए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के लिए राज्य सरकार ने मौजूदा प्रोत्साहन के विस्तार को भी मंजूरी दी है.