13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हजारों किसान शम्भू और खनौरी बॉर्डर के पास दिल्ली कूच की तैयारी में बीते 10 दिनों से बैठे हुए हैं. दिल्ली जाने के क्रम में किसानों पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रबर गन और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था.
पुलिस और किसान के बीच में हुई इस झड़प में कई किसान घायल हो गए हैं. इस झड़प के बाद किसानों ने दिल्ली कूच का प्लान दो दिनों के लिए टाल दिया है. किसान नेता सरवन पंधेर ने घोषणा की है कि अगले दो दिनों तक किसान दिल्ली की ओर नहीं जाएंगे और इन दो दिनों में वह आगे की रणनीति तैयार करेंगे.
बॉर्डर पर 15 हजार से ज्यादा किसानों ने डाला डेरा
शंभू और खनोरी बॉर्डर पर 15 हजार से ज्यादा किसानों ने 10 दिनों से डेरा डाला हुआ है. दोनों सीमाओं पर कई दिनों से पुलिस और किसानों के बीच में तनाव देखा जा रहा है. बुधवार को भी किसान और पुलिस कर्मियों के बीच में भारी तनाव दिन भर बना रहा. पुलिस ने आंसू गैस, रबर के गोली और वाटर कैनन से किसानों को पीछे धकेला. किसानों ने भी बैरिकेट्स और कटीले तारों को हटाने का प्रयास किया. किसान और पुलिस के बीच में हुई इस झड़प में 21 वर्षीय किसान के मौत की खबर आ रही है, जिसे हरियाणा पुलिस ने खारिज किया है. इसके अलावा तीन पुलिसकर्मियों के भी मौत की खबर आ रही है.
जिसमें ड्यूटी पर तैनात हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर विजय कुमार के मौत होने की पुष्टि हुई है. बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान विजय कुमार की तबीयत अचानक खराब होने लगी. जिसके बाद में तुरंत ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई. सब इंस्पेक्टर विजय कुमार की उम्र 40 साल बताई जा रही है, वह हरियाणा के नूंह चौकी में तैनात थे.
सरकार और किसानों के बीच पांचवीं बैठक
विजय कुमार से पहले दो और पुलिसकर्मियों की जान चली गई है. 16 फरवरी को जीआरपी के सब इंस्पेक्टर हरीलाल की तबीयत भी किसान आंदोलन में ड्यूटी के दौरान ख़राब हो गई. हरिलाल को भी तबीयत खराब होने पर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. इसके बाद 20 फरवरी को अंबाला के शंभू बॉर्डर पर ईएसआई कौशल कुमार की भी तबीयत अचानक खराब हो गई, जिससे उनकी मौत हो गई.
किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति की अपील की है और किसानों को बातचीत के लिए फिर से न्योता भेजा है. अगर किसान इस बातचीत के लिए तैयार हो जाते हैं तो सरकार और किसानों के बीच में यह पांचवी बैठक होगी. अभी तक के सभी बैठकों में कोई फैसला निकल कर सामने नहीं आया है.
रविवार को तीन केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने चंडीगढ़ में किसानों के साथ चौथे दौर की वार्ता की थी. किसानों के सामने यह प्रस्ताव रखा गया था कि सरकार दाल, मक्का और कपास समेत पांच फसलों पर 5 सालों के लिए एमएसपी खरीदने पर समझौता करेगी.