लगभग 1 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान संगठन अपने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. यह विरोध प्रदर्शन बुधवार को दिल्ली में होने वाला है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों का एमएसपी को लेकर आज विरोध प्रदर्शन प्रस्तावित है.
किसान दिल्ली मार्च की तैयारी में
किसान आंदोलन 2.0 का आज 23वां दिन है. पंजाब-हरियाणा के हजारों किसान शंभू और खनोरी बॉर्डर पर पिछले 23 दिनों से डटे हुए हैं. यह सभी किसान दिल्ली मार्च की तैयारी में है, लेकिन बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती ने इन्हें रोक रखा है. इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के आवाहन पर देशभर के किसान पैदल, बस, ट्रेन से दिल्ली कूंच की तैयारी में है. किसान संगठन के आवाहन पर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर आज प्रदर्शन करेंगे. वही जो किसान पहले से शंभू और खनोरी बॉर्डर पर है वह सब वहीं डटे रहेंगे.
किसानों के जंतर-मंतर पर धरना देने वाले ऐलान के बाद दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी तैयारी की गई है. दिल्ली में प्रदर्शनकारियों को स्टेशन पर रोकने के लिए आईएसबीटी को तैनात किया गया है. इसके अलावा दिल्ली में सीआरपीसी की धारा 144 भी लगाई गई है. जो एक क्षेत्र में चार या चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाएगी. जहां-जहां प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो सकते हैं वहां पर कंपनियों को तैनात किया गया है.
दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा महापंचायत
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 3 मार्च को यह ऐलान किया था कि 10 मार्च को दोपहर 12:00 बजे से 4:00 बजे तक पूरे देश में ट्रेन रोका जाएगा. 3 मार्च को ही भटिंडा में शुभकरण सिंह की अंतिम अरदास भी कराई गई थी. 10 मार्च को ट्रेन रोको आवाहन के बाद, 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा महापंचायत का आयोजन करवाएगी. जिसका नाम 'किसान मजदूर- महापंचायत' दिया गया है. इस महापंचायत में देशभर से किसान बिना ट्राली, ट्रैक्टर के बसों और ट्रेन से रामलीला मैदान पहुंचेंगे.
बीते 13 फरवरी से शुरू हुए किसान आंदोलन में पहले दिन बॉर्डर पर किसानों के बैराकेडिग तोड़ने पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ें थे. इसके साथ ही किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने रबड़ की गोलियां भी चलाई थी. 22 दिनों में कई बार किसानों और पुलिस के बीच में हालात बिगड़े. अब भी बॉर्डर पर हालत नाजुक बने हुए हैं. हालांकि कई जगहों पर से पुलिस ने बैराकेडिग हटाने और बॉर्डर खोलने का काम शुरू किया है. जिनमें हिसार-अंबाला चंडीगढ़ हाईवे 152 है, सोमवार को प्रशासन ने अंबाला के पास चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे नेशनल 44 को खोला है.