क्या हरियाणा (Haryana) में नायब सिंह सैनी (Saini government) की सरकार गिर जाएगी? यह सवाल हरियाणा की जनता के साथ ही पुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी बीच भाजपा का साथ छोड़कर अलग हुए जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के गवर्नर को पत्र लिखा है. पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने गवर्नर को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है. चौटाला का कहना है कि जब राज्य सरकार के पास बहुमत नहीं है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये.
दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) भाजपा-जजपा गठबंधन में साढ़े चार साल तक हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे थे.
वहीं गुरूवार को समर्थन वापस लेने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने भी गवर्नर को अपना पात्र सौंप दिया है.
कांग्रेस ने मांगा मिलने का समय
सैनी सरकार के अल्पमत में आने के बाद राज्य में विपक्ष की बड़ी पार्टी कांग्रेस ने गवर्नर से मिलने का समय मांगा है. कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार बहुमत खो चुकी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्यपाल से 10 मई को मिलने का समय मांगा गया है. हम राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग करते हैं. इसके बाद राज्य में जल्द चुनाव कराया जाए.
वहीं पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से कहा कि “अविश्वास प्रस्ताव पूर्व सीएम के खिलाफ लाया गया था इसलिए अब दुबारा अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है.”
साथ ही कहा कि सरकार बनाने के लिए जो भी आगे आएगा जजपा (JJP) उसका समर्थन करेगी.
विपक्ष में कुल 45 विधायक
हरियाणा की नायब सैनी (Haryana CM Nayab Saini) की अगुवाई वाली सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. इनमें पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान शामिल हैं.
ऐसे में हरियाणा के मौजूदा समीकरण देखने पर विपक्ष बहुमत में नजर आ रही है. हरियाणा विधानसभा में 90 सीट हैं. सरकार बनाने के लिए यहां 46 विधायकों का समर्थन जरुरी हैं. हरियाणा में अभी करनाल और रानियां सीट खाली होने के कारण 88 विधायक बचते हैं.
बीजेपी के पास अपने 40 विधायक हैं. वहीं उसे 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक के समर्थन से सरकार बनाई थी. लेकिन तीन विधायकों के जाने के बाद अब सरकार के पास केवल 43 विधायक ही बचे हैं.
वहीं कांग्रेस के पास 30, जजपा के 10, इनेलो से एक निर्दलीय विधायक हैं. इनमें अब तीन और निर्दलीय विधायक भी आ गए हैं तो विपक्ष में कुल 45 विधायक हो गए हैं.