लोकसभा चुनावों (Loksabha Chunav 2024) के बीच हरियाणा में बीजेपी सरकार को झटका लगा है. हरियाणा की नायब सैनी (Haryana CM Nayab Saini) की अगुवाई वाली सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. इनमें पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान शामिल हैं.
नायब सिंह सैनी ने इसी साल मार्च महीने में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटने के बाद निर्दलीय विधयाकों के समर्थन से सरकार बनाई थी.
समर्थन वापसी के बाद हरियाणा के सियासी भूचाल आ गया है. हालांकि तत्काल नायब सैनी (Nayab Singh Saini) की सरकार नहीं गिरने वाली. इसका कारण है कि नायाब सिंह सैनी ने इसी साल 12 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इसके अगले दिन 13 मार्च को फ्लोर टेस्ट पास किया है. ऐसे में दो फ्लोर टेस्ट के बीच छह महीने का गैप होना जरुरी है. इसलिए विपक्ष 13 सितम्बर से पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता. हरियाणा में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि "सरकार अल्पमत में नहीं है. सरकार को कोई खतरा नहीं है."
विपक्ष में कुल 45 विधायक
हरियाणा के मौजूदा समीकरण को देखने पर विपक्ष बहुमत में नजर आ रही है. हरियाणा विधानसभा में 90 सीट हैं. सरकार बनाने के लिए यहां 46 विधायकों का समर्थन जरुरी हैं. हरियाणा में अभी करनाल और रानियां सीट खाली होने के कारण 88 विधायक बचते हैं.
बीजेपी के पास अपने 40 विधायक हैं. वहीं उसे 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधयाक के समर्थन से सरकार बनाई थी. लेकिन तीन विधायकों के जाने के बाद अब सरकार के पास केवल 43 विधायक ही बचे हैं.
वहीं कांग्रेस के पास 30, जजपा के 10, इनेलो से एक निर्दलीय विधायक हैं. इनमें अब तीन और निर्दलीय विधायक भी आ गए हैं तो विपक्ष में कुल 45 विधायक हो गए हैं.